नहीं रहे देश के लिए तीन-तीन जंगें लड़ चुके दीवान सिंह व खीम सिंह

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देश की सुरक्षा के लिए तीन-तीन युद्ध लड़ने वाले अल्मोड़ा के दो जांबाज नायक दीवान सिंह बिष्ट (94) और थल के बौगाड़ गांव के सूबेदार मेजर खीम सिंह कार्की (102) नहीं रहे। दोनों योद्धाओं ने वर्ष 1962, 1965 और 1971 के युद्ध में लिया हिस्सा लिया था और दुश्मन को लोहे के चने चबवाए थे।

अल्मोड़ा के नजदीकी हवालबाग विकासखंड के मटेना गांव में पले-बढ़े दीवान एक जनवरी 1959 को दो कुमाऊं रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। 1971 के युद्ध में अदम्य साहस के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. बीवी गिरि ने उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया था। एक जनवरी 1980 को वह नायक पद से सेवानिवृत्र हुए।

वहीं, देश को रक्षा के लिए 1962, 1965 और 1971 के युद्ध में दुश्मन से मुकाबला कर चुके सूबेदार मेजर खीम सिंह कार्की (102) का शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे अपने घर बौगाड़ गांव में निधन हो गया। कार्की 12 जुलाई 1944 को आर्मी मेडिकल कोर में भर्ती हुए थे। 32 साल 20 दिन को नौकरी करने के बाद 31 जुलाई 1976 को सेवानिवृत्त हुए। उन्हें संग्राम सेवा मेडल बंगाल असम, इंडिया इंडिपेंडेंस, गुड सर्विस, नागा हिल क्लिप, रक्षा सहित 11 पदकों से अलंकृत किया गया था।

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