पहलगाम हमले में बड़ा खुलासा, आतंकियों ने पाकिस्तान में लिया प्रशिक्षण, 3 सीमा पार के और 2 कश्मीरी….

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श्रीनगर। पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) में बड़ा खुलासा (Another big reveal ) हुआ है। आतंकियों का कनेक्शन (Terrorists, connection) पाकिस्तान (Pakistan) से है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन आतंकियों ने पाकिस्तान (Pakistan) में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। स्थानीय दहशतगर्दों की मदद से पर्यटकों पर हमले को अंजाम दिया था। हमले के बाद आतंकी पीर पंजाल के घने जंगलों में गायब हो गए। आतंकियों की तलाश में सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन और हेलीकॉप्टर से लगे हैं। अभी तक आतंकियों का कुछ पता नहीं चल पाया है। हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक अलर्ट है। वहीं हमले में मारे गए लोगों के शवों को उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है। हमले का देशभर में विरोध हो रहा है।

जानकारी के अनुसार, पहलगाम के बायसरन में हुए हमले में पांच से सात आतंकवादियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, इन आतंकियों ने पाकिस्तान में प्रशिक्षण हासिल किया। इन्हें दो स्थानीय आतंकवादियों से भी मदद मिली। उपलब्ध सबूतों के आधार पर अधिकारियों ने बताया कि मृतक पर्यटकों में से एक की पत्नी की ओर से की गई पहचान के आधार पर बिजबेहरा निवासी आदिल थोकर उर्फ आदिल गुरी की भूमिका सामने आई है।

2018 में पाकिस्तान गया था आदिल
अधिकारियों का मानना है कि आदिल थोकर 2018 में पाकिस्तान गया था। वहां उसने प्रतिबंधित लश्कर-ए-ताइबा (एलईटी) आतंकवादी संगठन के साथ सशस्त्र प्रशिक्षण लिया और फिर हमलों को अंजाम देने के लिए भारत में घुसपैठ की।

पीर पंजाल के घने जंगलों में गायब हो गए आतंकी
अधिकारियों ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों को कम से कम छह से सात तस्वीरें दिखाई गई। इनमें से एक में आदिल की पहचान उस आतंकवादी के रूप में हुई, जो गोली चला रहा था। उन्होंने बताया कि घटना के बाद आतंकवादी पीर पंजाल के घने देवदार के जंगलों में गायब हो गए।

आतंकी बॉडी कैमरा लगाए थे
अधिकारियों ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि आतंकवादी अपने बर्बर कृत्य को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी कैमरा लेकर आए थे। जांच से पता चला है कि मंगलवार को बायसरन मैदान में चार आतंकवादियों ने पर्यटकों को पंक्तिबद्ध कर नजदीक से गोलियां चलाई। वहीं कम से कम एक से तीन आतंकवादी निकटवर्ती सुरक्षाबलों पर नजर रखने के लिए रणनीतिक रूप से तैनात थे।

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