यूपी के इटावा में अनोखी शादी, नवविवाहित ने सात की जगह लिए आठ वचन, मंडप में भरा फार्म देहदान और अंगदान करने का

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इटावा, यूपी के इटावा में अनोखी शादी देखने को मिली है। यहां पर दूल्हा-दुल्हन ने सात की जगह आठ वचन लिए और मंडप में ही खास वचन वाला फार्म भी भरा। यह फार्म था अपना देहदान और अंगदान करने का।

यूपी में इटावा के भरथना में एक जोड़े ने अपनी शादी के दिन अनोखी मिसाल कायम की है। इस जोड़े ने अपनी शादी में देहदान-अंगदान को आठवें वचन के रूप में स्वीकार करके विवाह को यादगार बना दिया। दोनों ने मंडप में ही अंगदान-देहदान का फार्म भी भरा। यह अनोखी पहल खानपुरा कुसना के रहने वाले रामपाल सिंह के बेटे अतुल यादव और उनकी दुल्हन लवी की तरफ से की गई। लवी निवाड़ीकला महेवा नौगवां के रहने वाले दिनेश सिंह की बेटी हैं।

शादी में अन्य रश्मों के बाद जब फेरों के समय वचन कराए गए तो सात वचन के बाद आठवां वचन भी जोड़ा गया। आठवें वचन के रूप में इस जोड़े ने देहदान का संकल्प लिया। ये देखकर मौजूद लोग चौंक गये। हालांकि दूल्हा व दुल्हन के घर वालों को इसकी जानकारी पहले से ही थी।

अतुल यादव ने बताया कि वह सैफई मेडिकल कालेज में कार्यरत हैं। उनको कानपुर के रहने वाले मनोज सेंगर व माधवी सेंगर द्वारा संचालित युग दधीचि देहदान अभियान के बारे में जानकारी पहले से थी। उन्होंने तय कर रखा था कि वह अपनी शादी के दिन ही देहदान का संकल्प लेंगे। शादी तय हुई तो अपनी होने वाली पत्नी लवी से इस बारे में बात की तो वह भी तैयार हो गयीं।

काफी लोगों की जान बचाई जा सकती है
दूल्हे अतुल यादव का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ इतना है कि शरीर का अंग खराब होने की वजह से किसी की मौत न हो। यदि लोग देहदान-अंगदान करेंगे तो कइयों की जान बचाई जा सकती है। शादी समारोह के दौरान मौजूद लोगों ने इस जोड़े के इस कार्य की सराहना की।

शादी में ही की औपचारिकता पूरी
दूल्हा अतुल व दुल्हन लवी ने देहदान की कागजी औपचारिकता शादी के मौके पर ही पूरी कर दी। सैफई मेडिकल कालेज में कार्यरत होने के नाते उन्होंने स्टाफ को भी बुलाया था। सैफई से आए एनाटामी विभागाध्यक्ष डा. नित्यानंद ने उन दोनों से देहदान से संबंधित फार्म भरवाकर उनके हस्ताक्षर कराए। साथ ही उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए।

क्या है युग दधीचि देहदान अभियान
अतुल यादव ने बताया कि जेके कॉलोनी जाजमऊ कानपुर निवासी मनोज सेंगर एवं माधवी सेंगर ने वर्ष 2003 में तत्कालीन राज्यपाल आचार्य विष्णुकांत शास्त्री की अपील पर देहदान अभियान प्रारंभ किया था। जो आज प्रदेश व्यापी हो गया है। अभियान के तहत चार हजार से अधिक लोग देहदान संकल्प ले चुके हैं। प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों को अब तक 298 मृत शरीर शोध के लिए दान किए जा चुके हैं।

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