सीएम धामी ने अहिल्याबाई होल्कर को किया नमन
– बोले, उनका जीवन सामाजिक न्याय, करुणा, धर्म निष्ठा और नारी सशक्तिकरण की प्रेरणा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य सेवक सदन में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े के साथ लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान अहिल्याबाई होल्कर जी के चित्रपट पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन सामाजिक न्याय, करुणा, धर्म निष्ठा और नारी सशक्तिकरण की प्रेरणा हैं। उन्होंने शासन को केवल सत्ता का माध्यम नहीं बल्कि जनसेवा और धर्म की पुनर्स्थापना का पथ बनाया।
मुख्य सेवक सदन में भाजपा के माननीय राष्ट्रीय महासचिव श्री @TawdeVinod जी के साथ लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी की 300वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ। इस दौरान अहिल्याबाई होलकर जी के चित्रपट पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/RjlzL5e4i9
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 31, 2025
सीएम ने आगे कहा कि पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक चेतना का पुनर्जागरण हो रहा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर, श्री केदारनाथ-श्री बदरीनाथ धाम में सुविधाओं का विस्तार, बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर जैसी अन्य परियोजनाएं इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
LIVE: देहरादून में 'पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर जयंती' के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम #AhilyaBaiHolkarAt300 https://t.co/nWEXMBDURl
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तीर्थ स्थलों और घाटों का कराया निर्माण
ज्ञात हो कि, अहिल्याबाई इंदौर की शासक थी पर उनकी दृष्टि व्यापक थी। उन्होंने पूरे भारत राष्ट्र में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अभियान चलाया। देश का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां उन्होंने मंदिर, प्रवचन कक्ष, अन्नक्षेत्र, विद्यालय या व्यायाम शाला की स्थापना न की हो। सुदूर बद्रीनाथ, हरिद्वार, केदारनाथ में धर्मशालाओं और अन्नसत्रों का निर्माण कराया। कलकत्ता से बनारस तक की सड़क का निर्माण कराया। बनारस में अन्नपूर्णा का मंदिर, गया में विष्णु मन्दिर और घाट उन्हीं के बनवाए हुए हैं। इनके अलावा सोमनाथ, अयोध्या, मथुरा, द्वारका, रामेश्वर, जगन्नाथ पुरी आदि एक सौ तीस स्थानों पर मंदिर, धर्म शालाएं बनवाई. अहिल्याबाई ने अपने पति खांडेराव और ससुर मल्हारराव की स्मृति में भी इंदौर राज्य की सीमा के भीतर और अन्य राज्यों में विधवाओं, अनाथों, दिव्यांग लोगों के लिए आश्रम बनवाए। अहिल्याबाई ने 13 अगस्त 1795 को अपने जीवन की अंतिम सांस ली।
सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए आजीवन समर्पित, प्रजावत्सला लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी की जयंती पर कोटिशः नमन। आपका जीवन सेवा, न्याय और धर्म के प्रति समर्पण की अमिट मिसाल है।
एक कुशल प्रशासक के रूप में आपने जिस प्रकार जनकल्याण के कार्य किए, मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया वह आज भी… pic.twitter.com/XEwtOBLSnN
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