शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह 15 फीसदी बढ़कर 17.78 लाख करोड़ रुपये
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-सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.06 फीसदी बढ़कर 21.88 लाख करोड़ रुपये पर
नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर है। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अबतक 14.69 फीसदी बढ़कर 17.78 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वहीं, 10 फरवरी तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.06 फीसदी बढ़कर 21.88 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में बताया कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अबतक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.69 फीसदी बढ़कर 17.78 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। आंकड़ों के अनुसार 10 फरवरी तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.06 फीसदी बढ़कर 21.88 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
सीबीडीटी के मुताबिक शुद्ध गैर-कॉर्पोरेट करों से प्राप्त राजस्व साल-दर-साल 21 फीसदी बढ़कर करीब 9.48 लाख करोड़ रुपये रहा, जिसमें मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर शामिल है। इसके अलावा 01 अप्रैल 2024 और 10 फरवरी 2025 के बीच शुद्ध कॉर्पोरेट कर संग्रह 6 फीसदी से अधिक बढ़कर 7.78 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया।
आंकड़ों के मुताबिक प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) से शुद्ध संग्रह वित्त वर्ष 2024-25 में अबतक 65 फीसदी बढ़कर 49,201 करोड़ रुपये हो गया है। इस दौरान 4.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ‘रिफंड’ जारी किए गए हैं। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 42.63 फीसदी अधिक है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए संशोधित अनुमान में आयकर संग्रह 12.57 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है, जो बजट अनुमान 11.87 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। संशोधित अनुमान में चालू वित्त वर्ष में प्रतिभूति सौदा कर संग्रह 55,000 करोड़ रुपये आंका गया है, जो 37,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से अधिक है। इसके अलावा कंपनी कर संग्रह लक्ष्य को संशोधित कर 9.80 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया, जो बजट लक्ष्य 10.20 लाख करोड़ रुपये से कम है। इस तरह कुल मिलाकर संशोधित अनुमान में प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.37 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है, जो बजट अनुमान 22.07 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।