सरकार पूंजीगत व्यय के लिए 99 फीसदी उधार का उपयोग कर रही है: वित्त मंत्री
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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि सरकार 2025-26 में लगभग पूरी उधारी का इस्तेमाल पूंजीगत व्यय के वित्तपोषण के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि 10.3 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को 503 रुपये में एलपीजी सिरेंडर मिल रहा है।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में केंद्रीय बजट 2025-26 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बजट का फोकस “गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी” पर है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.3 फीसदी है। अगले वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद का 4.4 फीसदी है।
सीतारमण ने कहा कि 2014 से पहले 45 फीसदी घरों में एलपीजी कनेक्शन या स्वच्छ ईंधन नहीं था। लेकिन, अब करीब 32 करोड़ घरों तक यानी करीब 100 फीसदी घरों तक खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि 10.3 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को 503 रुपये में एलपीजी सिरेंडर मिल रहा है। कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), निवेश और निर्यात को ग्रोथ इंजन बनाने के साथ गांवों में समृद्धि लाने पर जोर दे रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में प्रभावी पूंजीगत व्यय के वित्तपोषण के लिए उधार लिए गए संसाधनों का लगभग 99 फीसदी उपयोग करने का इरादा रखती है। इस तरह वित्त वर्ष 2025-26 में क्षेत्रीय व्यय में कृषि को 1.71 लाख करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास को 2.67 लाख करोड़ रुपये, शहरी विकास और परिवहन को 6.45 लाख करोड़ रुपये, स्वास्थ्य और शिक्षा को 2.27 लाख करोड़ रुपये, रक्षा (जिसमें रक्षा पेंशन शामिल नहीं है) को 4.92 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि वे इस तथ्य को उजागर करना चाहती हैं कि किसी भी पूंजीगत व्यय खाते को पैसे देने से मना नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को 2019 में 69000 करोड़ रुपये, 2022 में 1.64 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। इसी तरह 2023 में 89047 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इससे बीएसएनएल इतना सक्षम हुआ कि उसने देश भर में 50,000 4-जी साइट स्थापित किए हैं।
सीतारमण ने कहा-गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर केंद्रित बजट
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि सरकार कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), निवेश और निर्यात को ग्रोथ इंजन बनाने के साथ गांवों में समृद्धि लाने पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर बजट का फोकस है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट 2025-26 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बजट ऐसे समय में आया है, जब वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताएं और व्यापक आर्थिक माहौल में बदलाव है। उन्होंने कहा कि इसका आधार कृषि, एमएसएमई और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं और सुधारों को प्रस्तुत करना था, जो विकास, ग्रामीण समृद्धि और लचीलेपन के प्रावधान के साथ-साथ विकास के इंजन के रूप में थे। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन में सबसे पिछड़े 100 जिलों में उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रभावी पूंजीगत व्यय 4.3 फीसदी है और राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 फीसदी है। यह दर्शाता है कि सरकार प्रभावी पूंजीगत व्यय के वित्तपोषण और पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए संपूर्ण उधार संसाधनों का उपयोग कर रही है।
बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि मंत्रालयों में परिचालन दक्षता में सुधार के लिए स्वतंत्रता के बाद से चौथा बड़ा कदम उठाया गया है। उन्हें छोटी-छोटी राशियों के लिए अनुमति लेने के लिए हमारे पास आना पड़ता था। मंत्रालय अब अधिक सशक्त हैं, इसलिए धन के वितरण के बारे में निर्णय जल्दी हो जाते हैं।