देवभूमि उत्तराखण्ड में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अब तक पांच जिलों पौड़ी, नेनीताल, देहरादून, उधमसिंह नगर एवं हरिद्वार में कुल 75 मामले सामने आए हैं। इसमें पौड़ी जिले में सबसे अधिक 59 मरीज मिले हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के सीएमओ (Chief Medical Officer) को डेंगू रोकथाम व बचाव के लिए दिशा निर्देश भी दिए गए हैं।
इसके साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय के द्वारा भी डेंगू मामलों की लगातार निगरानी की जा रही है जिससे डेंगू के मरीजों की वृद्वि को नियंत्रित किया जा सके।
डेंगू के ये हैं लक्षण
अचानक तेज बुखार, जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द, आँखों के पीछे दर्द, जी मिचलाना, उल्टी करना, थकान।
डेंगू की रोकथाम के लिए ये करें
अपने घर के आस पास स्थिर पानी और संभावित प्रजनन स्थलों को हटा दें। खिड़कियों और दरवाजों पर मच्छरदानी और स्क्रीन का प्रयोग करें।
इसके साथ ही उजागर त्वचा और कपड़ों पर पिकारिडिन, या लेमन यूकेलिप्टस के तेल के साथ मच्छर विनाशक लेप लगाएं।
आने वाले नवंबर व दिसंबर तक डेंगू संक्रमण के फैलने की आशंका रहती है। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अप्रैल से लेकर 17 सितंबर तक डेंगू के कुल 75 मामले ही सामने आए हैं। ऋषिकेश में एक डेंगू मरीज की मौत भी हुई है।
ज्ञात हो कि मरीज को पहले से ही कई तरह की बीमारी होने से विभाग मौत के कारणों की सच्चाई जानने के लिए डेथ ऑडिट करा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि सभी जिलों के सीएमओ (Chief Medical Officer) को डेंगू रोकथाम के लिए अलर्ट रहने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय से भी नियमित रूप से डेंगू के मरीजों की मानीटरिंग करने को भी कहा गया है।
आने वाले दो माह तक डेंगू संक्रमण से लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
देवभूमि उत्तराखण्ड में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या…