कोलकाता रेप-मर्डर मामला: कोर्ट ने संजय रॉय को ठहराया दोषी, सज़ा का ऐलान 20 जनवरी को होगा
कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर हॉस्पिटल (RG Kar Hospital) में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले (Rape-Murder Case) में कोर्ट ने संजय रॉय (Sanjay Roy) को दोषी करार दिया है। कोलकाता के सियालदह कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। हालांकि इस मामले में संजय को क्या सज़ा दी जाएगी, कोर्ट ने यह नहीं बताया है। संजय की सज़ा का ऐलान 20 जनवरी को होगा।
क्या कहता है कानून?
पीड़िता के माता-पिता, वकील और सीबीआई पहले ही संजय के लिए फांसी की सज़ा की मांग कर चुके हैं। सोमवार को इस बात का फैसला होगा कि संजय को क्या सज़ा मिलेगी। हालांकि यह जानना भी ज़रूरी है कि इस मामले में कानून क्या कहता है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66, और 103 के तहत सज़ा के प्रावधान इस प्रकार हैं…
Sealdah Court verdict of RG Kar rape-murder case | The court says BNS Sections 64,66, 103/1 have been framed against the accused. There is a complaint against the accused that he went to RG Kar Medical College and Hospital and went to the seminar room, assaulted and murdered the… pic.twitter.com/hY0nYwYirC
— ANI (@ANI) January 18, 2025
- धारा 64 के तहत रेप के मामले में कम से कम 10 साल की जेल हो सकती है। यह सज़ा आजीवन कारावास में भी बदली जा सकती है।
- धारा 103/1 के तहत हत्या के मामले में सज़ा-ए-मौत या उम्रकैद की सज़ा हो सकती है। इसके साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- धारा 66 के तहत जुर्माना न देने पर सज़ा का प्रावधान है।
ये है पूरा मामला?
पिछले साल 8 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में हुई इस घटना ने पूरे देश के लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया था। 8 अगस्त की रात को हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के तौर पर काम करने वाली 31 साल की महिला की संजय ने रेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी थी। 9 अगस्त की सुबह महिला का शव हॉस्पिटल के कॉन्फ्रेंस रूम में ही मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से रेप की पुष्टि हुई थी। इस घटना के बाद कोलकाता में प्रदर्शन शुरू हो गए थे और दो महीने से भी ज़्यादा समय तक राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं। देशभर में लोगों ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन किए।
संजय का दावा, उसे झूठा फंसाया
दोषी पाए जानें पर आरोपी संजय ने यह दावा किया कि उसे झूठा फंसाया गया है। संजय ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया है और मामले के एसपी आरोपियों को छोड़ा जा रहा है। संजय के अनुसार इस मामले में एक IPS ऑफिसर भी शामिल है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच की। उस दौरान यह बात भी साफ आई थी कि राज्य सरकार आरोपियों को बचाने के लिए सबूत नष्ट करने की कोशिश कर रही है।