उत्तराखंड बजट सत्र: एक घंटे के अभिभाषण में 43 विभागों की योजनाओं का जिक्र

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  • विपक्ष का हंगामा, किया वॉकआउट

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) के अभिभाषण के साथ मंगलवार से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ। अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने सरकार की विकास योजनाओं की अब तक की यात्रा और भावी रोडमैप पेश किया। एक घंटे के अभिभाषण में राज्यपाल ने 43 विभागों की योजनाओं का जिक्र कर बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में सरकार किस तरह जनता तक इनका लाभ पहुंचाएगी। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण की शुरुआत समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से की।

उन्होंने इसे मातृशक्ति के अधिकारों को सुरक्षित करने वाला कानून बताया। इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2024, ऑपरेशन स्माइल के तहत ऑपरेशन मुक्ति, साइबर क्राइम रोकने को जारी हेल्पलाइन नंबर 1930, यातायात प्रबंधन के लिए रियल टाइम ट्रैफिक एडवाइजरी, कारागार में बंदी की मृत्यु पर विधिक उत्तराधिकारियों को मुआवजा राशि के भुगतान की नीति का जिक्र किया।

 

राज्यपाल ने अभिभाषण में राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के 100 से अधिक पदक जीतने के रिकॉर्ड को शामिल करते हुए उदीयमान खिलाड़ियों के लिए होने वाले खेल महाकुंभ, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों में मेडल विजेताओं को सरकारी नौकरी का भी जिक्र किया।

उन्होंने बताया कि राज्य ने सतत विकास लक्ष्यों के तहत देश में पहला स्थान हासिल किया है तो सीएम कॉन्क्लेव के एजेंडे के तहत परिवार पहचानपत्र योजना पर काम हो रहा है। उन्होंने उत्तराखंड की स्टार्टअप नीति व इसके प्रभावों के बारे में बताया। राज्यपाल ने सामान्य प्रशासन विभाग, आयुष विभाग, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग, समाज कल्याण विभाग समेत 43 विभागों की योजनाओं को इस साल भी अनवरत जारी रखते हुए इनका लाभ जन-जन तक पहुंचाने के संकल्प पर जोर दिया।

 

 

साथ ही कहा कि, राज्य गठन के समय प्रति व्यक्ति आय 16,232 रुपये थी, जो आज बढ़कर 2,46,178 रुपये पर पहुंच गई है। उन्होंने इसे की निरंतर प्रगति का प्रभाव बताया। भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने राज्यपाल के अभिभाषण का पाठ किया। इसके साथ ही अभिभाषण सदन की कार्यवाही का हिस्सा बन गया। बजट अभिभाषण के दौरान सदन के नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत सभी मंत्री भी मौजूद रहे।

उधर, विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सत्र की अवधि न बढ़ाने के विरोध में विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्षी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की। बाद में सदन से बहिर्गमन(वॉकआउट) कर दिया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने बजट अभिभाषण पढ़ना शुरू किया तो नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में सत्र की अवधि कम होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इतनी कम अवधि के सत्र में जनता के मुद्दे कैसे उठेंगे। इस बीच विरोध में सभी विपक्ष के विधायक वेल में आ गए। वे सत्र की अवधि न बढ़ाने पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद भी विपक्ष के इस विरोध का हिस्सा बने।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना था कि सरकार नहीं चाहती कि विधानसभा का सत्र लंबा चले। वह जनता के मुद्दों से आंख चुरा रही थी। विपक्ष सदन में जन मुद्दे उठाना चाहता है लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है। उधर, राज्यपाल जब अभिभाषण पढ़ रहे थे तो सरकार की उपलब्धियों पर सत्ता पक्ष के विधायक मेज थपथपा रहे थे, जबकि विपक्ष के विधायक नारेबाजी कर रहे थे। इसके बाद विरोध में नारेबाजी करते हुए विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने दोबारा सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग उठाई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।

 

 

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