हाईस्कूल पास करके, चला था ठगी में PHD करने: मंत्री बनाने का झांसा देने और करोड़ों रुपये मांगने के लिए ऐसे लिए थे विधायकों के फोन नंबर
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ठगी का ककहरा पढाई की उम्र में सीखा
किशोरावस्था से बाहर निकलते ही जवानी की दहलीज पर कदम रखने पर सामान्यत: युवा बेहतर कॅरिअर की संभावनाएं तलाशते हैं मगर पुलिस की गिरफ्त में आए हाईस्कूल पास गौरवनाथ ने महंगे शौक पाल लिए। इन शौकों को पूरा करने के लिए जरूरी खर्च जुटाने के लिए उसने जरायम का रास्ता चुना। ठगी के मामले में एक बार जेल में रहकर आने के बावजूद वह नहीं सुधरा और इस खेल में फिर से सलाखों के पीछे पहुंच गया।
ज्ञात हो कि, विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाने का ऑफर देने मामला सुर्खियां बना था। विधायक शिव अरोरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसके पीदे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और उनकी छवि को बदनाम करने की साजिश की आशंका जताई थी। धीरे-धीरे जब प्रकरण की परत खुली तो यह बिगड़ैल युवकों की रुपये कमाने की हरकत सामने आई लेकिन गैंग का सरगना हाईस्कूल पास गौरव बेहद शातिर निकला। महज 19 साल के गौरवनाथ को क्लबों में जाने और महंगी शराब पीने का शौक है। बेहद सामान्य परिवार के उसके दोनों दोस्त प्रियांशु और उवैश भी रईसी में जिंदगी जीने के शौकीन हैं।
पुलिस की पूछताछ में गौरव ने बताया कि ऐश करने के लिए रुपये कम पड़ने पर उन्होंने 26 जनवरी को योजना बनाई थी। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से मणिपुर, ओडिशा, कर्नाटक और उत्तराखंड के विधायकों के मोबाइल नंबर निकाले। विकिपीडिया से विधायकों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद इंटरनेट से ही राजनीतिक गतिविधियां पता कर योजना बनाई।
इसके बाद विधायकों को मंत्री बनाने का ऑफर देकर रुपये वसूलने की तैयारी की थी। अगर वे नहीं मानते तो उनको बदनाम करने की धमकी देकर रुपये की मांग करते। इससे पहले भी नासिक पुलिस ने 35 लाख की ठगी के मामले में उसको हिरासत में लिया था।
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विवेचक को पांच हजार का नगद इनाम दिया
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने मुख्य अभियुक्त गौरवनाथ को गिरफ्तार करने वाली टीम की पीठ थपथपाई। उन्होंने गौरव को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले रंपुरा चौकी इंचार्ज गणेश दत्त भट्ट को पांच हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया। पूरी टीम को अपराध समीक्षा बैठक में पुरस्कृत करने की बात कही। कहा कि अभियुक्त सर्विलांस सिस्टम को जानता था। उसने मोबाइल अधिकतर समय तक बंद रखा था। पुलिस टीम ने कई जगहों पर दबिशें दी थी। आखिरकार वह पुलिस की पकड़ में आ गया।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा का कहना है कि, गिरफ्तार अभियुक्त गौरवनाथ को पिछले साल दिल्ली स्पेशल सेल की टीम ने ठगी के मामले में सर्वेश मिश्रा और विशेष कुमार के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ढाई महीने जेल में रहकर गौरव ने सर्वेश व विशेष से ठगी का तरीका सीखा था। दोनों से झगड़ा होने पर गौरव ने संपर्क खत्म कर दिया था। प्रियांशु की आवाज अच्छी होने पर उसे अपने साथ मिला लिया था।
गृहमंत्री के बेटे के नाम से विधायकों को फोन करने वाला गिरफ्तार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह के नाम से तीन विधायकों से करोड़ों रुपये मांगने वाले गैंग के सरगना को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। आरोपी ने उत्तराखंड के अलावा मणिपुर, ओडिशा और कर्नाटक के विधायकों को कॉल करने की बात स्वीकारी है। रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा के नंबर पर बीते 13 फरवरी को एक युवक ने काॅल कर खुद को गृह मंत्री अमित शाह का बेटा जय शाह बताकर मंत्री बनाने के लिए तीन करोड़ रुपये मांगे। इस नंबर से विधायक को पांच बार कॉल आई। पुलिस ने 16 फरवरी को विधायक के सहयोगी अभिषेक मिश्रा की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था।
18 फरवरी को पुलिस ने मामले में मूलरूप से एटा के निधौली कला और हाल निवासी खोडा कॉलोनी (गाजियाबाद) उवैश अहमद को ब्लाॅक रोड रुद्रपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उवैश के साथी प्रियांशु पंत को हरिद्वार पुलिस ने जेल भेज दिया। मुख्य आरोपी गौरव नाथ निवासी सपेरा बस्ती थाना गाजीपुर नई दिल्ली पुलिस के हाथ नहीं लग सका। 18 फरवरी से ही एक टीम दिल्ली में उसकी गिरफ्तारी में लगी थी।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि रविवार को एसओजी और कोतवाली पुलिस ने गौरव नाथ को दिल्ली के कड़कड़नुमा कोर्ट के पास से गिरफ्तार किया था। वह जुए और नशे का आदी है। ये शौक पूरे करने के लिए उसने दो साथियों की मदद से प्लान बनाया था। साथियों की गिरफ्तारी के बाद उसने घर छोड़ दिया था। वह अपने दोस्तों और परिचितों के घरों में शरण ले रहा था। हरिद्वार और नैनीताल जिले की पुलिस को भी उसकी तलाश थी।