देवभूमि उत्तराखंड में विश्व का एकमात्र जाग्रत शिव मंदिर है, जिसे लोग केदारनाथ के नाम से जानते हैं वहीं इसे जाग्रत महादेव भी कहा जाता है। वर्तमान में यहां अत्यधिक बर्फ जमी हुई है। ऐसे में सामने आ रही जानकारी के अनुसार केदारनाथ में बर्फ से कई कैंपों को व्यापक क्षति पहुंची है। वहीं बाबा केदार के धाम में अभी तीन फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है, जिसके चलते पूरा मंदिर परिसर बर्फ से ढका हुआ है। दरअसल यहां आए दिन मौसम खराब होने और ज्यादातर समय बादल छाए रहने के कारण बर्फ भी नहीं पिघल रही है, ऐसे मे आगामी यात्रा तैयारियों को लेकर संशय बना हुआ है।
बताते चलें कि, मार्च 2025 के पहले और दूसरे सप्ताह में केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई। वहीं अभी भी यहां हर दूसरे और तीसरे दिन बर्फबारी हो रही है जिससे धाम में अभी तीन फीट से अधिक बर्फ है। इसके चलते केदारनाथ में मंदिर मार्ग से लेकर मंदिर परिसर और अन्य पूरा क्षेत्र बर्फ से ढका है। यहां भवनों की छतों पर बर्फ की मोटी परत जमी है।

बताया जाता है कि, इन हालातों में आगामी 2 मई से शुरू हो रही यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू करना मुश्किल बना है। यात्रा शुरू होने में अब 39 दिन ही रह गए हैं। दूसरी तरफ केदारनाथ में बर्फ से पुनर्निर्माण कार्य से संबंधित कार्यदायी संस्थाओं के कैंप को भी क्षति पहुंची है। दो दिन लोनिवि के कर्मचारी पैदल मार्ग से जैसे-तैसे केदारनाथ पहुंचे तो देखा कि वहां एमआई-26 हेलिपैड के ऊपरी तरफ कार्यदायी संस्थाओं के कैंप क्षतिग्रस्त पड़े हैं।
ज्यादा नुकसान कार्यदायी संस्थाओं के कैंपों को पहुंचा
बताया जा रहा है कि कई कार्यदायी संस्थाओं के कैंपों को ज्यादा क्षति पहुंचा है। कैंप कार्यालय व आवास भवनों की छतें बर्फ से टूटी पड़ी हैं। लोनिवि के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने बताया कि केदारनाथ में बर्फबारी से कार्यदायी संस्थाओं के कैंप को व्यापक क्षति पहुंची है।
नुकसान का सही अनुमान बर्फ हटाने के बाद ही लग पाएगा। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम जोरों पर है। मौसम ने साथ दिया तो अप्रैल के पहले सप्ताह तक पैदल मार्ग केदारनाथ तक खोल दिया जाएगा।