पूर्णागिरी मेले की तैयारियों को लेकर सीएम धामी की समीक्षा

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  • शारदा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का होगा भव्य निर्माण


रविवार को एनएचपीसी बनबसा में उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरी मेले की तैयारियों के संबद्ध में सीएम धामी ने समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने मां पूर्णागिरी मेले के संबंध में विभिन्न विभागों ने कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि पूर्णागिरी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम एवं सुरक्षित हो।

श्रद्धालुओं को यात्रा एवं पैदल मार्गो पर किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। उन्होने कहा कि हम सभी के सहभागिता से ही पूर्णागिरी मेले को नया स्वरूप मिलेगा। हमारा संकल्प है कि पूर्णागिरी मेले से श्रद्धालु अच्छा अनुभव ही लेकर जाए।

मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत द्वारा आयोजित मेले के अंतर्गत मुंडन के लिए दी जाने वाली धनराशि पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुंडन के लिए कम से कम शुल्क लिए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन प्रशासन का पहला कर्तव्य लोगों को सुविधा पहुंचाना है।

उन्होंने कहा कि मुंडन के लिए ली जाने वाली धनराशि के कम होने से श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बनबसा कैनाल क्षेत्र में 1000 लोगों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों, मंदिर समिति एवं प्रशासन के सहयोग से शारदा एवं बूम घाट में नियमित रुप से भव्य शारदा आरती का आयोजन हो। उन्होंने कहा श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक इस आरती से जोड़ा जाए एवं आरती के लिए जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री ने शारदा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के विकास कार्य के बारे में भी जानकारी लेते हुए कहा कि शारदा कॉरिडोर का भव्य निर्माण हो, इसके लिए यू0आई0डी0बी को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र का विकास दीर्घ कालीन विजन के साथ किया जाए। हमे वर्तमान के साथ भविष्य के विकास को भी ध्यान में रखना है। उन्होंने कहा कि सभी विभाग पूर्णागिरी मेला क्षेत्र में अस्थाई व्यवस्थाओं की जगह स्थाई व्यवस्थाओं पर अधिक प्राथमिकता दे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं को उनकी सुविधा अनुसार ही पैदल मार्गो पर स्वास्थ शिविरों, डॉक्टरों की तैनाती एवं आवशक दवाईयों की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था हो, इसके साथ ही पूर्णगिरी क्षेत्र के लिए अतिरिक्त पेयजल योजना बनाई जाए। मार्गो पर बने शौचालयों में भी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि पूर्णागिरी क्षेत्र में यातायात व्यवस्थाओं का सुगम संचालन हो। आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था हो। इसके साथ ही मार्गो पर पुलिस की अस्थाई चौकी एवं खोया पाया केंद्र की व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने संपूर्ण यात्रा मार्ग पर हाई मास्क लाइट, सौर ऊर्जा लाइट एवं स्ट्रीट लाइट लगाए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णागिरी मेले में आने वाले श्रद्धालु अधिक से अधिक दिनों तक क्षेत्र में रुके एवं आस पास के पर्यटक स्थलों का आनन्द लें, इसके लिए भी योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा मेले में स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता हो इसके लिए भी स्थानीय उत्पादों के स्टॉल खोले जाए।

मुख्यमंत्री ने पूर्णागिरि मंदिर के लिए पूर्व में की गई घोषणाओ के अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि संचार व्यवस्था के लिए स्वीकृत दो मोबाइल टावरों को शीघ्र लगाया जाए। संपूर्ण पूर्णागिरी मंदिर, पैदल मार्ग, एवं गाड़ी मार्ग में संचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होने बाटनागाढ पुल निर्माण कार्य, पूर्णागिरी मुख्य मंदिर से काली मंदिर तक व्यकल्पिक पैदल मार्ग, एवं रोपवे निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा किए जाने के निर्देश भी दिए।

बैठक के दौरान अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, दर्जा राज्यमंत्री डॉ अनिल डब्बू, जिला अध्यक्ष भाजपा निर्मल माहरा, पूर्णागिरी मंदिर समिति अध्यक्ष किशन तिवारी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

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