जनहित में संवेदनशीलता पूर्ण निष्ठा व सरलीकरण से कार्य करने का मूलमंत्र सीएम धामी ने सरकारी कर्मियों को दिया

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  • ये हैं उत्तराखंड की प्रगति की दिशा और दशा निर्धारित करने वाली प्रमुख धुरी

देवभूमि उत्तराखंड के सीएम धामी ने सरकारी कर्मियों के समक्ष रखा जनहित में संवेदनशीलता पूर्ण निष्ठा व सरलीकरण से कार्य करने का मूलमंत्र सीएम धामी ने सरकारी कर्मियों को आमजन के हित में संवेदनशीलता जिम्मेदारी, पूर्ण निष्ठा व सरलीकरण से कार्य करने की नसीहत देते हुए कहा कि शासकीय कार्मिको की कलम से निकले शब्द केवल शासकीय आदेश नहीं होते, बल्कि दूरदराज़ के गाँवों में बसे प्रत्येक नागरिक के जीवन में आशा की किरण बनकर उजियारा करते हैं। कार्मिको के परिश्रम, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा ही उत्तराखंड की प्रगति की दिशा और दशा निर्धारित करने वाली प्रमुख धुरी है।

सचिवालय में उत्तराखण्ड सचिवालय संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड की समस्त जनता की ओर से भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शित किए जा रहे अद्वितीय शौर्य और पराक्रम के लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिकों के अदम्य साहस और पराक्रम पर हम सभी को गर्व है। युद्ध जैसे हालातों के बीच वीर भूमि उत्तराखंड का बच्चा बच्चा आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपने जवानों के साथ है।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सचिवालय परिसर में 6 मंजिला वैकल्पिक नए भवन निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया। सचिवालय प्रदेश की शासन व्यवस्था की आत्मा इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सचिवालय केवल ईंटपत्थरों से बना एक भवन नहीं, बल्कि ये हमारे प्रदेश की शासन व्यवस्था की आत्मा है। यह प्रदेश के नीतिनिर्माण का वो केंद्र है, जहां से राज्य के प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक क्षेत्र और प्रत्येक व्यक्ति के कल्याण हेके लिए निर्णय लिए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सचिवालय में कार्यरत हमारे अधिकारी और कर्मचारीगण शासन और जनता के बीच की वो महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जिनके माध्यम से सरकार की नीतियां जनजन तक पहुँचती हैं। शासन तथा कर्मचारी संगठनों के बीच विश्वास, सहयोग और संवाद का सेतु अधिक मजबूत हुआ मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याएं केवल फाइलों और कागजों में नहीं सुलझतीं, बल्कि उन्हें दिल से सुनकर और ज़मीनी सच्चाई के साथ समझकर ही परस्पर संवाद द्वारा समाधान तक पहुंचाया जा सकता है।

सीएम के अनुसार आज शासन तथा कर्मचारी संगठनों के बीच विश्वास, सहयोग और संवाद का सेतु पहले से कहीं अधिक मजबूत हुआ है। हमारी सरकार ने सचिवालय कर्मियों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लेकर उनके कल्याण हेतु अनेकों कार्य किए हैं। जहां एक ओर हम सचिवालय भवन को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं सचिवालय के कार्मिकों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाओं और निर्णयों के माध्यम से उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए भी निरंतर प्रयासरत हैं। सचिवालय में आधुनिक सुविधाओं का विकास मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सचिवालय परिसर में 6 मंजिला नए भवन के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की है, जिससे अनुभागों को बेहतर कार्य सुविधा मिल सकेगी। साथ ही, अनुभागों एवं निजी सचिवों के कार्यालय हेतु फर्नीचर और कंप्यूटर क्रय के लिए 3 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इसके साथ ही, सचिवालय संघ भवन का जीर्णाेद्धार, सचिवालय कैंटीन का सौंदर्यीकरण और बैडमिंटन कोर्ट का जीर्णाेद्धार जैसे विभिन्न कार्यों के द्वारा सचिवालय को आधुनिक और सुविधाजनक बनाने का प्रयास किया है।

यहीं नहीं, पार्किंग की समस्या के समाधान हेतु हमने लगभग 70 कारों की क्षमता वाली पार्किंग का निर्माण भी कराया है। सरकारी कर्मियों के हित में कल्याणकारी निर्णय मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय कर्मियों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए हमारी सरकार ने ब्लड कलेक्शन सेंटर की स्थापना की है, जहां लगभग 270 प्रकार की जाँचें निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। हमने एक ओर जहां कार्मिकों के बच्चों के लिए वातानुकूलित क्रैच सेंटर की स्थापना की है, वहीं अत्याधुनिक फिजियोथेरेपी सेंटर की व्यवस्था भी की है। हमारी सरकार द्वारा प्रदेश की महिला कार्मिकों को एक वर्ष के उपरांत भी पूरे दो वर्षों तक संवैतनिक बाल्य देखभाल अवकाश (सी.सी.एल.) की सुविधा प्रदान की जा रही है। साथ ही, कर्मचारियों के हित में 25 लाख रुपये की राशि कर्मचारी कल्याण कोष में स्वीकृत की गई है, जिससे अनेक कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं।

इसके साथ ही, हमने कर्मचारियों की मांग के अनुरूप जीआईएस की राशि को दोगुना करने के साथसाथ कार्मिकों के लिए कॉर्पाेरेट सैलरी पैकेज की सुविधा भी लागू की है, जिसमें निःशुल्क इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं। सचिवालय की कार्यप्रणाली डिजिटल व ईगवर्नेंस के माध्यम से और अधिक प्रभावी व कुशल बनी मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में कार्यरत कर्मियों को एसीपी और समयबद्ध पदोन्नति जैसे लाभ भी सुनिश्चित कराए गए हैं। हमने सेवानिवृत्त कर्मियों को विदाई के समय मोमेंटो और अंगवस्त्र प्रदान करने की परंपरा भी शुरू की है साथ ही, सेवानिवृत्ति की ग्रैज्युटी राशि को भी 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया है।

सीएू ने कहा कि हमारी सरकार केवल समस्याओं के समाधान तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारा प्रयास है कि हम एक ऐसा सचिवालय बनाएं, जहां कार्यप्रणाली डिजिटल, पारदर्शी और कार्यकुशल हो और हर निर्णय में जनहित को सर्वाेपरि रखा जाए। हमने सचिवालय की कार्यप्रणाली को ईगवर्नेंस के माध्यम से अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाया है। हम फाइल मूवमेंट को सुव्यवस्थित और ट्रैक करने के लिए फाइल मूविंग मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं, जिससे कार्यों में अनावश्यक विलंब समाप्त हो रहा है और कार्यप्रणाली दक्ष बन रही है। कर्मचारियों की डिजिटल सर्विस बुक की प्रक्रिया भी तीव्र गति से आगे बढ़ रही है, साथ ही कार्यालय को पेपरलेस बनाने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

इन सभी प्रयासों के माध्यम से हम जहां एक ओर सचिवालय कर्मियों के बोझ को तकनीकी साधनों द्वारा कम करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं उनकी कार्यक्षमता को और अधिक सहज, सरल और प्रभावशाली बना रहे हैं। हमारी सरकार उत्तराखंड को देश का “सर्वश्रेष्ठ राज्य” बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प’’ को साकार करने हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है।

इस अवसर पर विधायक खजानदास, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, आर के सुधांशु, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी सकित समस्त सचिवालय कार्मिक व सचिवालय संघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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