Chamoli Avalanche: एक मिनट भी नहीं रुके हमारे हिमवीर, आठ फीट बर्फ और -8 डिग्री तापमान में भी 11 घंटे तक जारी रहा बचाव अभियान
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Uttarakhand Weather: आज भी कई जिलों में बारिश के आसार के बीच चमोली में हिमस्खलन का खतरा बरकरार
देवभूमि उत्तराखंड के चमोली में आए एवलॉन्च और इसमें मजदूरों के दबने की सूचना मिलते ही आईटीबीपी के जवान हिमस्खलन में दबे मजदूरों को निकालने में शुक्रवार को दिन भर जुटे रहे।
जब आईटीबीपी के जवानों की ओर से ये बचाव कार्य चलाया जा रहा था, उस समय यहां की स्थितियां इतनी विषम थी कि यहां कार्य करना तो दूर इसके बारे में विचार करना तक किसी भी व्यक्ति के लिए घर बैठे बैठे हाथ पैर कंपकपा देने व उसे सुनन कर देने में सक्षम था।
आप स्वयं ही महसूस करके देखें कि, आठ फीट जमी बर्फ और उस पर भी लगातार हो रही भारी बर्फबारी, के साथ ही माइनस में तापमान के बीच बचाव कार्य की कल्पना मात्र ही आपको बेहद ठंड में कंपकपी का अहसास करना व कई को तो शरीर में सूननता का अहसास करने के लिए काफी है… कुल मिलाकर ऐसी विषम परिस्थितियों में सेना और आईटीबीपी के जवान हिमस्खलन में दबे मजदूरों को निकालने में दिनभर जुटे रहे। 11 घंटे से अधिक समय तक चले अभियान का परिणाम यह रहा कि देर शाम तक 32 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया। सेना और आईटीबीपी का यही जज्बा उन्हें हिमवीर बनाता है।
शुक्रवार को माणा गांव के पास हुए भारी हिमस्खलन की सूचना पर वहां तैनात सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सुबह सात बजे ही रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया। क्षेत्र में सुबह से ही लगातार भारी बर्फबारी होती रही।
पूरे क्षेत्र में सात से आठ फीट तक बर्फ जमी हुई है, लेकिन जवानों ने बिना रुके इस विषम परिस्थिति में रेस्क्यू अभियान जारी रखा। 11 घंटे तक सेना और आईटीबीपी के जवान बर्फ में दबे मजदूरों को निकालने में जुटे रहे।
पूरा आपदा तंत्र इस आपदा से निपटने के लिए सेना और आईटीबीपी पर ही निर्भर रहा। बदरीनाथ हाईवे बर्फबारी के कारण बंद होने से आपदा प्रबंधन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम देर शाम तक वहां नहीं पहुंच पाई थी।
बृहस्पतिवार से इस पूरे क्षेत्र में भारी बर्फबारी हो रही है। ऐसे में शुक्रवार को जब यहां हिमस्खलन हुआ तो तापमान पहले से माइनस में था। दोपहर बाद भी बर्फबारी होने से तापमान में भी गिरावट होने लगी।
बर्फबारी भी होती रही लेकिन जवानों ने रेस्क्यू अभियान को एक पल के लिए भी नहीं रोका। जवानों का हर एक कदम वहां फंसे लोगों में जीवन की आस जगाने वाला रहा। जब तक यहां अंधेरा नहीं हो गया जवान मजदूरों को निकालने में जुटे रहे।
Chamoli Glacier Burst: चमोली एवलांच में फंसे 32 मजदूरों को निकाला बाहर, कल फिर शुरू होगा रेस्क्यू
इन जिलों में अभी भी बारिश की संभावना, हिमस्खलन का चमोली में खतरा अभी भी
देवभूमि उत्तराखंड के कई जिलों में शनिवार को भी हल्की बारिश की संभावना है। साथ ही मौसम के जानकारों का मानना है कि इसके पश्चात 2 तारीख को मौसम काफी हद तक साफ रहने के बाद एक बार फिर 3 से 4 मार्च तक मौसम खराब रहने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार 1 मार्च यानि शनिवार को चमोली के अलावा पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी और देहरादून में हल्की बारिश की संभावना है।
वहीं, 2500 मीटर व उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है। जबकि, तीन मार्च से मौसम में बदलाव आएगा। तीन मार्च को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में कहीं-कहीं गर्जन के साथ बिजली चमकने की संभावना है। जबकि, दो मार्च को मौसम साफ रहने का अनुमान है।
Chamoli में हिमस्खलन का खतरा बरकरार
रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान ने हिमस्खलन को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसमें उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में 2400 मीटर से ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमस्खलन होने की चेतावनी जारी की गई है। इसमें चमोली जिले को अत्यधिक असुरक्षित स्थिति में बताया गया है। रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर, उत्तरकाशी को असुरक्षित बताया गया है।