सेवा के एक वर्ष के भीतर मृत्यु होने पर मिलेगा न्यूनतम 50 हजार का बीमा लाभ
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केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में हुए कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा (ईडीएलआइ) योजना के तहत बीमा लाभ बढ़ाने सहित कई फैसले
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा (ईडीएलआइ) योजना के तहत बीमा लाभ बढ़ाने सहित कई फैसले लिए गए। ईडीएलंआइ योजना के बीमांकित मूल्यांकन के बाद, बोर्ड ने सदस्यों के परिवार को अधिक वित्तीय सुरक्षा और सहायता प्रदान करने के लिए योजना में प्रमुख संशोधनों को मंजूरी दी।
मंत्रालय ने कहा कि अगर किसी ईपीएफ सदस्य की मृत्यु एक वर्ष की निरंतर सेवा पूरी किए बिना हो जाती है तो उसे न्यूनतम 50,000 रुपये का जीवन बीमा लाभ प्रदान किया जाएगा। इससे हर साल सेवा के दौरान मृत्यु होने के 5,000 से अधिक मामलों में लाभ मिलने की उम्मीद है।
सीबीटी ने उन सदस्यों के लिए भी लाभ को मंजूरी प्रदान कर दी है, जो सेवा में तो रहते हैं, लेकिन उनका योगदान जमा नहीं होता है। अब अगर अंतिम अंशदान के छह महीने में किसी कर्मचारी का निधन हो जाता है तो उसे ईडीएलआइ का लाभ मिलेगा, बशर्ते सदस्य का नाम संस्थान ने अपने रजिस्टर से नहीं हटाया हो। इससे 14,000 से अधिक मामलों में लाभ का अनुमान है।
दो नौकरी के बीच दो महीने तक के अंतराल को माना जाएगा निरंतर सेवा
सीबीटी ने योजना के तहत सेवा निरंतरता पर विचार करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। इससे पहले, दो प्रतिष्ठानों में रोजगार के बीच एक या दो दिन(जैसे सप्ताहांत या छुट्टियां) का अंतर होने पर न्यूनतम 2.5 लाख रुपये और अधिकतम सात लाख रुपये के ईडीएलआइ लाभ से इन्कार कर दिया जाता था। नए संशोधनों के तहत, दो प्रतिष्ठानों में नौकरी के बीच दो महीने तक के अंतराल को अब निरंतर सेवा माना जाएगा।