उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती पर किया पलटवार, बोले- अनुचित संधि का विरोध युद्धोन्माद नहीं…

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जम्मू। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Chief Minister Omar Abdullah) ने पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (PDP Chief Mehbooba Mufti) को जमकर खरी-खोटी सुनाई हैं। उन्होंने मुफ्ती पर सस्ती लोकप्रियता और पाकिस्तान में बैठे लोगों को खुश करने का आरोप लगाते हुए सच से मुंह मोड़ने का आरोप लगाया। उमर ने पलटवार करते हुए सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लोगों के साथ किया गया सबसे बड़ा विश्वासघात बताया। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा से ही इस संधि का विरोध किया है और लगातार ऐसा करना जारी रखूंगा। इतना तय है कि किसी अनुचित संधि का विरोध करना कहीं से भी युद्धोन्माद नहीं है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर मुफ्ती के पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा, “वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता पाने और सीमा पार बैठे लोगों को खुश करने की अपनी अंधी लालसा के लिए सच्चाई से मुंह मोड़े रहते हैं। आप यह स्वीकार करने से इनकार करती हैं कि सिंधु जल संधि में सबसे बड़ा घाटा जम्मू-कश्मीर के लोगों का ही है। मैं हमेशा से इसका विरोध करता रहा हूं और आगे भी ऐसा करना जारी रखूंगा। सीधे मायनों में एक गलत संधि का विरोध करना कहीं से भी युद्ध की लालसा करना नहीं है। यह एक ऐतिहासिक अन्याय को ठीक करने के बारे में है, जिसके जरिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके हिस्से के पानी से वंचित कर दिया गया था।”

क्या कहा था महबूबा मुफ्ती ने
दरअसल, पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री के बीच में चल रही यह ऑनलाइन तनातनी सीएम उमर अब्दुल्ला के एक ट्वीट से शुरू हुई थी, जिसमें उन्होंने तुलबुल नेविगेशन परियोजना को फिर से शुरू करने की वकालत की थी। इस पर महबूबा मुफ्ती ने पोस्ट करके तनाव के बीच में ऐसी मांग करने के लिए उमर की आलोचना की। उन्होंने लिखा, “भारत और पाकिस्तान के बीच में चल रहे तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का तुलबुल नेविगेशन परियोजना को फिर से शुरु करने का आह्वान बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है।”

मुफ्ती ने दोनों देशों की लड़ाई में मारे गए मासूम लोगों की चिंता जताते हुए लिखा, “ऐसे समय में जब दोनों देश पूर्ण युद्ध की कगार से वापस लौट रहे हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर के लोगों को व्यापक हानि और जान -माल का नुकसान हुआ है। इस तरीके का बयान देना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि खतरनाक रूप से भड़काऊ भी है। हमारे लोग भी देश के किसी अन्य नागरिक की तरह शांति के हकदार हैं। पानी जैसी जरूरी चीज को हथियार बनाना न केवल अमानवीय है, बल्कि द्विपक्षीय मामले को अंतर्राष्ट्रीय बनाने का जोखिम भी पैदा करता है।”

क्या है तुलबुल परियोजना
ज्म्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि इस वीडियो में जो आप देख रहे हैं यह तुलबुल नेविगेशन बैराज है। इसे 1980 के दशक में शुरू किया गया था, लेकिन सिंधु जल संधि के दवाब में इसे पाकिस्तान के दवाब में छोड़ना पड़ा। अब जबकि सिंधु जल संधि को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया है तो मुझे लगता है कि शायद हम इस परियोजना को फिर से शुरू कर सकते हैं। इससे जम्मू-कश्मीर को तमाम लाभ मिलेंगे।

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