अफ्रीकी देश की संसद में सांसदों के बीच जमकर हुई हाथापाई
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घाना । अफ्रीकी देश घाना की संसद में इस सप्ताह जबर्दस्त हंगामा हुआ। वाद-विवाद की बात इतने आगे बढ़ गई कि सांसदों ने एक दूसरे पर हमला बोल दिया और जमकर लात-घूंसे बरसाए। यह पूरा मामला उस दौरान हुआ जब मंत्रिस्तरीय नियुक्तियों की जांच करने के लिए सत्र बुलाया गया था। तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुई यह लड़ाई अंत में हिंसक झड़प में बदल गई, जिसके बाद चार सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया साइट्स पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सांसद एक दूसरे को धक्का देते, माइक्रोफोन फेंकते और टेबल को फेंकते हुए देखे जा सकते हैं। स्थिति को शांत करने के लिए बाहर खड़ी पुलिस को अंदर बुलाया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल डेमोक्रेटिक कांग्रेस के तीन सदस्यों को दिसंबर में जीत के बाद मंत्री पद के लिए नामांकित किया गया था। क्रॉस पार्टी कमेटी ने इनकी जांच के लिए ही यह बैठक बुलाई थी।
अफ्रीकी देश घाना की संसद में इस सप्ताह जबर्दस्त हंगामा हुआ। वाद-विवाद की बात इतने आगे बढ़ गई कि सांसदों ने एक दूसरे पर हमला बोल दिया और जमकर लात-घूंसे बरसाए। यह पूरा मामला उस दौरान हुआ जब मंत्रिस्तरीय नियुक्तियों की जांच करने के लिए सत्र बुलाया गया था। तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुई यह लड़ाई अंत में हिंसक झड़प में बदल गई, जिसके बाद चार सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया साइट्स पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सांसद एक दूसरे को धक्का देते, माइक्रोफोन फेंकते और टेबल को फेंकते हुए देखे जा सकते हैं। स्थिति को शांत करने के लिए बाहर खड़ी पुलिस को अंदर बुलाया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल डेमोक्रेटिक कांग्रेस के तीन सदस्यों को दिसंबर में जीत के बाद मंत्री पद के लिए नामांकित किया गया था। क्रॉस पार्टी कमेटी ने इनकी जांच के लिए ही यह बैठक बुलाई थी। हालांकि समिति कई मुद्दों को लेकर असहमत थी। इसी बात को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई। कुछ सांसदों ने संसद में एनपीपी के नेता अलेक्जेंडर अफेन्यो मार्किन पर राजनीतिक हिसाब किताब तय करने के लिए अनावश्यक रूप से खर्च करने का आरोप लगाया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक समिति को मनोनीत संचार मंत्करी सैमुअल नार्टे की जांच करने में 5 घंटे लग गए। जिससे सांसदों के बीच में नाराजगी बढ़ गई। कई एनडीसी सांसदों ने यह आरोप लगाया कि यह समिति विपक्षी सांसदों द्वारा लिया गया राजनीतिक प्रतिशोध का एक रूप था। यह सांसद चाहते थे कि जॉर्ज पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ की गई अपनी आलोचना को वापस लें। जॉर्ज ऐसा करने को तैयार नहीं थे इसलिए उन्हें इसके लिए टारगेट किया गया।
दोनों पक्षों के सांसदों के बीच इस मुद्दे को लेकर गरमा गरम बहस शुरू हो गई और देखते ही देखते मामला हाथापाई पर आ गया। परिणामस्वरूप चार सांसदों को दो सप्ताह के लिए संसद से निलंबित कर दिया गया।