कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी स्वीकारी और ट्रंप से मुकाबले को हो गई तैयार
शिकागो। अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी कमला हैरिस ने औपचारिक रूप से स्वीकार कर ली है। नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उनका मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगा। उम्मीदवारी स्वीकर करने के बाद हैरिस ने शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण के लिए प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने वादा किया कि मैं सुनिश्चित करूंगी कि 21वीं सदी में चीन नहीं, अमेरिका आगे रहे।
उन्होंने ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रंप धीर-गंभीर व्यक्ति नहीं हैं और उन्हें व्हाइट हाउस में वापस लाने के परिणाम बेहद गंभीर होंगे। कमला हैरिस ने आव्रजन प्रणाली और नाटो सहयोगियों को लेकर भी अपना विजन साफ किया। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका की त्रुटिपूर्ण आव्रजन प्रणाली में सुधार ला सकते हैं। इसके अलावा मैं राष्ट्रपति के रूप में मैं यूक्रेन और नाटो सहयोगियों के साथ मजबूती से खड़ी रहूंगी। भारतीय-अफ्रीकी मूल की हैरिस ने शिकागो में गुरुवार को ‘डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन’ के दौरान उम्मीदवारी स्वीकार की और इसी के साथ वह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी की दूसरी महिला नेता बन गईं।
इससे पहले उन्होंने कहा कि लोगों की ओर से, हर अमेरिकी की ओर से, चाहे वह किसी भी पार्टी, जाति, या भाषा से संबंध रखता हो, मेरी मां की ओर से और उन सभी लोगों की ओर से जिन्होंने ऐसे अमेरिकियों की ओर से अपनी असंभव यात्रा शुरू की, जिनके साथ मैं बड़ी हुई, जो कड़ी मेहनत करते हैं, अपने सपनों का पीछा करते हैं और एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं, उन सभी की ओर से जिनकी कहानी पृथ्वी के सबसे महान राष्ट्र में ही लिखी जा सकती है, मैं उम्मीदवारी स्वीकार करती हूं।
उन्होंने कहा कि इस चुनाव के साथ हमारे राष्ट्र के पास अतीत की कड़वाहट, निराशावाद और विभाजनकारी लड़ाइयों से आगे बढ़ने का एक शानदार अवसर है। एक नया रास्ता तैयार करने का मौका है। मैं सभी अमेरिकियों के लिए राष्ट्रपति बनने का वादा करती हूं। आप हमेशा मुझ पर भरोसा कर सकते हैं कि मैं देश को पार्टी और खुद से ऊपर रखूंगी, कानून के शासन से लेकर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों से लेकर सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण तक अमेरिका के मूल सिद्धांतों को पवित्र रखूंगी।
शिकागो के यूनाइटेड सेंटर में उम्मीदवारी स्वीकार करने के लिए मंच पर आईं हैरिस (59) ने कहा कि उनके लिए असंभव यात्राएं कोई नई बात नहीं हैं। उन्होंने रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन का सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि यदि वह राष्ट्रपति चुनी जाती हैं तो वह यूक्रेन और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के अपने सहयोगियों के साथ मजबूती से खड़ी रहेंगी। हैरिस की मां श्यामला गोपालन भारतीय थीं और उनके पिता डोनाल्ड जैस्पर हैरिस जमैका के नागरिक थे। अगर हैरिस निर्वाचित होती हैं, तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी।