बांग्लादेश में बाढ़ ने मचाई तबाही, युनूस सरकार ने भारत पर लगाए गंभीर आरोप, जानें

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नई दिल्‍ली । बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार हटने और सेना की सरपरस्ती में नई अंतरिम सरकार बनने के बाद भारत से रिश्तों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। कूचबिहार सीमा के पास बीएसएफ के बाड़ बनाने को दौरान बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स ने उनके काम में बाधा डालने की कोशिश की। वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश बाढ़ के लिए भी भारत को जिम्मेदार ठहरा रहा है। बांग्लादेश में अफवाह है कि भारत सरकार ने त्रिपुरा में डंबूर बांध का गेट खोल दिया है जिसकी वजह से बाढ़ आ गई है। बता दें कि यह डंबूर बांध बांग्लादेस की सीमा से 120 किलोमीटर की दूरी पर है। इस बांध से बांग्लादेश को भी 40 मेगावाट बिजली मिलती है। यह बांधी गुमती नदी पर बना है।

बाढ़ से लगभग 35 लाख लोग प्रभावित

बांग्लादेश के 12 जिले इस समय भीषण बाढ़ का सामना कर रहे हैं। बाढ़ से लगभग 35 लाख लोग प्रभावित हैं। वहीं अब तक दर्जनों की जान भी जा चुकी है। अब अंतरिम सरकार के कई नेता और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की खालिदा जिया इस बाढ़ के लिए भारत को दोषी ठहरा रहे हैं। बांग्लादेशी मंत्री नाहिद इस्लाम का भी कहना है कि भारत ने बिना चेतावनी के ही बड़ी मात्रा में पानी छोड़ दिया जो कि बांग्लादेश के लिए बड़ी समस्या बन गया है। वहीं बीएनपी के एक नेता ने कहा कि भारत ने जानबूझकर ऐसा किया है। उसे बांग्लादेश के लोगों की फिक्र नहीं है।

भारत ने दिया दो टूक जवाब

बांग्लादेश के इन आरोपों पर भारत सरकार ने बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट की है। भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि बांग्लादेश की स्थिति पर दुख है लेकिन त्रिपुरा में गुमती नदी पर दंबुर बांध खोलने से यह स्थिति नहीं पैदा हुई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि गुमती नदी के आसपास इस बार भारी बारिश हुई है, यह उसका ही परिणाम है। त्रिपुरा में भी कई जगहों पर बाढ़ की स्थित है। निचले इलाकों में पानी जाने की वजह से बाढ़ आई है।

त्रिपुरा में इस बार 151 फीसदी ज्यादा बारिश

फिलहाल त्रिपुरा में इस बार 151 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। इस वजह से कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक त्रिपुरा के बिजली मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा कि डंबूर बांध को लेकर केवल दुष्प्रचार किया जा रहा है। गुमती नदी के बांध को कोई गेट नहीं कोला गया है। बांध में जलाशय की अधिकतम भंडारण क्षमता से ज्यादा पानी होने से यह खुद ब खुद गेट से बाहर निकल जाता है। जलस्तर कम होने पर गेट खुद ही बंद हो जाते हैं। वहीं त्रिपुरा में भी भयंकर बाढ़ है। तीन दशक से ऐसी भयंकर बाढ़ राज्य में नहीं देखने को मिली है।

बांग्‍लादेश ने बाढ़ के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहरा

बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर भी लोग इस बाढ़ के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।उनका कहना है कि भारत ने जानबूझकर पानी छोड़ा है क्योंकि उसे शेख हसीना का हटना बर्दाश्त नहीं है। बता दें कि बीते दिनों बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया है। आरक्षण विरोधी आंदोलनों के हिंसक होने के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और वह भारत आ गईं। इसके बाद सेना ने कमान संभाली और फिर मोहम्मद यूनुस की अगुआई में अंतरिम सरकार बनाई गई। इस अंतरिम सरकार को बीएनपी का समर्थन प्राप्त है।

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