अमेरिका और चीन के बीच फिर ठनी, ट्रेड वार के बाद अब वीजा की जंग, दोनों नजर आ रहे सख्त

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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump) के सत्ता में आते ही अमेरिका (American) और चीन (China) के बीच एक बार फिर ठन गई है। दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर खींचतान पिछले कई हफ्तों से जारी है। इस मामले पर चीन और अमेरिका दोनों ही सख्त नजर आ रहे हैं और फिलहाल इस ट्रेड वार (Trade war) का कोई अंत भी नजर नहीं आ रहा है। इस बीच अब अमेरिका और चीन के बीच एक और जंग शुरू हो गई है। यह जंग है वीजा के प्रतिबंध को लेकर। चीन के विदेश मामलों के प्रवक्ता ने सोमवार को घोषणा की कि वे तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर अपमानजनक तरीके से टिप्पणी करने वाले अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ वीजा प्रतिबंध लगाएंगे।

प्रेस ब्रीफिंग के दौरान चीन के प्रवक्ता ने कहा, “पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के विदेशी प्रतिबंध विरोधी कानून के अनुसार, चीन ने उन अमेरिकी कर्मियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जिन्होंने शिज़ांग (तिब्बत) से संबंधित मुद्दों पर अपमानजनक तरीके से काम किया है।” गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका ने भी चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिका ने आरोप लगाया गया है कि अमेरिकी अधिकारियों को तिब्बत जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।

लिन ने आगे कहा, “हम चीन के शिज़ांग क्षेत्र में आने, यात्रा करने और व्यापार करने के लिए विदेशी देशों के मित्रों का स्वागत करते हैं। साथ ही हम किसी भी देश या व्यक्ति को मानवाधिकार, धर्म और संस्कृति का झूठा बहाना बनाकर तिब्बत के मामलों में हस्तक्षेप करने का विरोध करते हैं।” उन्होंने कहा, “चीन गलत इरादों वाले लोगों द्वारा हस्तक्षेप का विरोध करता है।”

इससे पहले बीते 31 मार्च को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि अमेरिका चीनी अधिकारियों पर अतिरिक्त वीज़ा प्रतिबंध लगाने जा रहा है। अमेरिका ने 2018 के रेसिप्रोकल तिब्बत एक्ट के अनुसार प्रतिबंध लगाए थे। इस कानून के तहत अगर चीन अमेरिकी सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों, स्वतंत्र पर्यवेक्षकों और पर्यटकों को तिब्बती क्षेत्रों में प्रवेश से वंचित रखता है तो US चीनी अधिकारियों को अमेरिकी वीजा देने पर रोक लगा सकता है। अमेरिका का कहना है कि चीनी अधिकारियों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति दी जाती रही है, लेकिन अमेरिका के अधिकारियों को तिब्बत या चीन के तिब्बती क्षेत्रों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।

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