शौर्य चक्र विजेता की मां और सीआरपीएफ जवान की पत्नी को भी भेजा जा रहा है पाकिस्तान

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) के बाद सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तानियों (Pakistanis living in India) को वापस भेजने का फैसला लिया था। इसी सिलसिले में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)के अधिकारियों ने भी राज्य में रह रहे 60 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन 60 लोगों की सूची में सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाला नाम 2022 में हुए एक एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिस जवान मरणोपरांत शौर्य चक्र विजेता मुदासिर अहमद शेख की मां का शमीमा अख्तर का भी है। वहीं, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान की पाकिस्तानी पत्नी को वापस पाकिस्तान भेजने के लिए जम्मू से वाघा सीमा के लिए रवाना कर दिया गया है।

पूरे देश में चल रहे इस घटना क्रम पर मुदासिर के चाचा यूनुस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरी भाभी पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर की रहने वाली हैं। वह तो हमारा ही हिस्सा है। ऐसे में सरकार को उन्हें निर्वासित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुदासिर की शहादत के बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने परिवार से मुलाकात की थी और उपराज्यपाल भी दो बार परिवार से मिलने आए थे।

यूनुस ने कहा,”मेरी भाभी जब यहां आई थीं, तब उनकी उम्र महज 20 साल थी। वह पिछले 45 सालों से यहीं भारत में रह रही हैं। उनके बेटे ने देश के लिए अपनी शहादत दी है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मेरी अपील है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।”

जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान मुदासिर अहमद शेख 2022 में पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे एक अभियान का हिस्सा थे, जिसमें गोली लगने की वजह से उनकी मौत हो गई थी।मुदासिर को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। मई 2023 में दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शमीमा ने अपने पति के साथ यह पुरस्कार लिया। बारामूला में शहीद मुदासिर के नाम पर एक चौक भी बनाया गया है।

स्थानीय अधिकारियों ने निर्वासन की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए कहा कि 60 पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित करने की प्रक्रिया चल रही है। निर्वासित किए जा रहे लोगों में से ज्यादातर पूर्व आतंकवादियों की पत्नियां और उनके बच्चे हैं,जो आतंकवाद छोड़ चुके लोगों के लिए 2010 में चलाई गई पुनर्वास नीति के तहत घाटी में लौटे थे। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 36 पाकिस्तानी श्रीनगर में, नौ-नौ बारामूला और कुपवाड़ा में, चार बडगाम में और दो शोपियां जिले में रह रहे थे। इन सभी लोगों को बसों में भरकर पंजाब लाया जाएगा, जहां से अटारी बॉर्डर के जरिए इन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।

सीआरपीएफ जवान की पाकिस्तानी पत्नी जम्मू से वाघा के लिए रवाना
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान की पाकिस्तानी पत्नी को वापस पाकिस्तान भेजने के लिए जम्मू से वाघा सीमा के लिए रवाना कर दिया गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, मीनल खान अपने पति और कश्मीर के घरोटा निवासी सीआरपीएफ जवान मुनीर खान के साथ जम्मू से पंजाब स्थित वाघा सीमा के लिए रवाना हुई। उन्होंने बताया कि मीनल और मुनीर की दोस्ती सोशल मीडिया के माध्यम से हुई थी और बाद में दोनों ने एक-दूसरे से शादी रचा ली थी।

वाघा सीमा के लिए रवाना होते समय मीनल ने भारत सरकार से देश में ब्याहे पाकिस्तानी नागरिकों को उनके बच्चों से जुदा न करने की अपील की। मीनल ने कहा, ‘हमें अपने परिवार के साथ रहने की इजाजत दी जानी चाहिए। हम पहलगाम हमले में निर्दोष लोगों की बर्बर हत्या की निंदा करते हैं। उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।’ भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन में हुए आतंकवादी हमले के बाद कुछ विशिष्ट श्रेणियों को छोड़कर, पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीजा को रद्द कर दिया था।

जवान को हिरासत में लेने के मामले पर जताया विरोध
पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। दूसरी ओर, बीएसएफ ने पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद एक जवान को पकड़े जाने के मामले में पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। सूत्रों ने कहा कि इससे पहले दोनों पक्ष अनजाने में सीमा पार करने की इस तरह की घटनाओं को जल्दी ही सुलझाते रहे हैं, लेकिन इस बार पाकिस्तानी पक्ष जवान के ठिकाने और वापसी की तारीख के बारे में अनिश्चितता बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ तनाव बढ़ने के कारण पाकिस्तान ऐसा कर रहा हो। बीएसएफ ने 24वीं बटालियन के कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को 23 अप्रैल को रेंजर्स की ओर से पकड़े जाने की घटना की जांच शुरू कर दी है। जवान अनजाने में फिरोजपुर जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गया था।

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