Alert: चीन में फैला कोरोना जैसा HMP वायरस, भारत में अलर्ट
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सतर्कता : अभी तक भारत में कोई मामला नहीं
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सर्दी खांसी जैसे लक्षण हैं तो तुरंत कराएं जांच
चीन में फैले ह्यूमन मेंटान्यूमेवायरस (एचएमपीवी / HMP virus) संक्रमण को लेकर भारत में भी अलर्ट जारी हुआ है। केंद्र ने सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया है। एचएमपीवी भी कोरोना की ही तरह श्वसन पथ को संक्रमित करता है। यह न्युमोबायरिडे परिवार के मेटापन्यूम्रोवायरस क्लास से जुड़ा है। इसे सबसे पहले 2001 में डच शोधकर्ताओं ने खोजा था। कोरोना का असर फैफड़ों पर होता था लेकिन यह वायरस फेफड़े व सांस की नली पर भी असर डालता है।
चीन के कई शहरों में एचएमपीवी का प्रसार बढ़ा है। यह संक्रमण साधारण फ्लू जैसा ही है। मरीजों में इसके हल्के-हल्के लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन, कोरोना की तरह यह घातक न बन जाए, इसलिए निगरानी बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने अलर्ट जारी किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी तक देश में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन स्थिति की निगरानी शुरू की जा रही है। चीन में 16 से 22 दिसंबर के बीच मौसमी इन्पलूएंजा,राइनोवायरस, श्वसन सिंसिटियल वायरस (आरएसवी) और एचएमपीवी सहित तीव्र श्वसन संक्रमणों के मामलों में इजाफा हुआ है। उधर, सोशल मीडिया पर चीन के कई अस्पतालों से संबंधित वीडियो भी सामने आ रहे हैं, जिसमें मरीजों की भीड़ दिखाई दे रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि चीन की यात्रा करने वालों की निगरानी भी बढ़ाई जाएगी।
नया नहीं है वायरस, भारत में पहले भी मामले मिले
वहीं नई दिल्ली एम्स की शोधकर्ता डॉ. सागरिका बनर्जी का कहना है कि भारत या चीन के लिए एचएमपीवी कोई नया नहीं है। इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। भारत में 2005 से 2007 के बीच ऐसे कई मामले मिल चुके हैं।
: साल 2001 में पहली बार नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसके बारे में जानकारी दी, जिसके मुताबिक इस वायरस के दो मुख्य वंश जीनोटाइप ए और जीनोटाइप बी हैं। प्रत्येक वंश में दो उप-वंश भी हैं जिन्हें ए1, ए2 और बी1, बी2 के नाम से जानते हैं।
: अप्रैल 2005 से मार्च 2007 के बीच दिल्ली एम्स में एचएमपीवी से संक्रमित बच्चों पर अध्ययन हुआ था। इसके लक्षणों वाले 662 में से 21 बच्चों में एचएमपोवी संक्रमण का पता चला।
ब्रोंकाइटिस ऑर निमोनिया का भी खतरा
दरअसल खांसने और छींकने से इस वायरस के फैलने का खतरा अधिक बताया जा रहा है। वायरस का असर ज्यादा होने पर इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी हो सकता है। रॉयटर्स के मुताबिक चीन इससे निपटने के लिए एक निगरानी सिस्टम की टेस्टिंग भी कर रहा हैं। वहीं अमेरिकी एजेंसी सीडीसी के मुताबिक इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और गले में घरघराहट शामिल हैं। यही लक्षण कोरोना वायरस में भी नजर आते हैं।