Health: दिल की बात सुनो अचानक टूटती सांसों से बचो

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  • जानें क्या है हार्ट अटैक व कार्डियक अरेस्ट में अंतर

समय पर दिल की बात सुनने व लक्षण दिखते ही इलाज करवाएं तो अचानक सांस नहीं टूटेगी, लेकिन लोग लापरवाही करते हैं। ऐसे ही दो मामलों में राजधानी में अचानक कार्डियक अरेस्ट से दो लोगों ने दम तोड़ दिया।

इनमें 52 साल के शख्स पूर्वी दिल्‍ली के विश्वकर्मा नगर में रामलीला मंचन के दौरान श्रीराम का किरदार निभा रहे थे, जबकि 32 साल का युवक घर में बैठकर बहन से फोन पर बात कर रहा था।

विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों मामलों में दिल से जुड़े रोग का कोई न कोई लक्षण रहा होगा। समय रहते लक्षणों पर ध्यान नहीं देने से समस्या बढ़ गई होगी। अचानक या अक्सर बिना किसी चेतावनी के कार्डियक अरेस्ट होता है। यह हृदय में विद्युतीय खराबी के कारण होता है।

इसके पीछे अनियमित दिल की धड़कन कारण बनती है। दिल की पंपिंग क्रिया बाधित होने से मस्तिष्क, फेफड़ों और अन्य अंगों में दिल रक्त पंप नहीं कर पाता। इसके कुछ सेकंड बाद व्यक्ति बेहोश हो जाता है और उसकी नाड़ी नहीं चलती। ऐसे व्यक्ति को यदि समय रहते उपचार न मिले तो कुछ ही मिनटों में मौत हो सकती है।

इस संंबंध में चिकित्सकों का तो यहां तक कहना है कि अचानक कार्डियक अरेस्ट और दिल का दौरा दो अलग क्रिया हैं। कार्डियक अरेस्ट में 90 फीसदी दिल के दौरे के ही लक्षण रहते हैं। 10% में कार्डियोमायोपैथी (मांसपेशियों का मोटा होना) सहित दूसरे कारण हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि कार्डियक अरेस्ट के अचानक मामले नहीं बढ़े हैं। ऐसे मामले पहले भी आते थे, लेकिन सोशल मीडिया के प्रसार के कारण अब यह सामने आ रहे हैं। इसके अलावा खराब जीवन शैली व दूसरे कारणों से पिछले कुछ सालों में कार्डियक अरेस्ट-हार्ट अटैक की घटनाएं भी बढ़ी हैं।

कार्डियक अरेस्ट में क्या करें:
अगर कुछ ही मिनटों में इसका इलाज हो जाए तो ज्यादातर पीड़ितों में कार्डियक अरेस्ट ठीक हो सकता है। आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए कॉल करें और तुरंत सीपीआर दें। तब तक जारी रखें जब तक कि पेशेवर आपातकालीन चिकित्सा सेवा न आ जाए।

हार्ट अटैक : भले ही आपको यकीन न हो कि यह हार्ट अटैक है, लेकिन अपने आपातकालीन प्रतिक्रिया नंबर पर कॉल करें या निकटतम चिकित्सा केंद्र पर पहुंचें। इस दौरान हर मिनट मायने रखता है।

इस तरह समझें हार्ट अटैक व कार्डियक अरेस्ट में अंतर:

हार्ट अटैक : तब होता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। हार्ट अटैक एक रक्त परिसंचरण की समस्या है। इस स्थिति में अवरुद्ध धमनी ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय के एक हिस्से तक पहुंचने में असक्षम हो जाती है। यदि उक्त धमनी का जल्दी से नहीं खोला जाता है, तो हृदय का वह हिस्सा काम करना बंद कर देता है।

‘कार्डियक अरेस्ट : तब होता है जब हृदय में खराबी आती है और अचानक अप्रत्याशित रूप से धड़कना बंद हो जाता है। अचानक कार्डियक अरस्ट एक समस्या है। यह बिना किसी चेतावनी के होता है। इसमें दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। इस दौरान दिल की पंपिंग क्रिया ब्राधित होने से दिल, मस्तिष्क, फेफड़ों और अन्य अंगों में दिल रक्त पंप नहीं कर पाता। कुछ सेकंड बाद व्यक्ति बेहोश हो जाता है और उसकी नाड़ी नहीं चलती।

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