मधुबाला को नहीं थी अपनी ये फिल्म देखने की इजाज़त, जानिए वजह ?

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मुंबई। हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेसेज में शामिल मधुबाला आज भी याद की जाती हैं। सादगी, बेमिसाल एक्टिंग और उनकी खूबसूरती के चर्चे कई किताबों में हैं। अपने करियर में कई शानदार फिल्में देने वाली मधु कम ही उम्र में दुनिया छोड़ गई। लेकिन उनके फिल्मी करियर की शुरुआत भी कम उम्र में हुई थी। पारिवारिक मजबूरियों की वजह से उन्होंने फिल्मों में कदम रखा और कमाल कर दिया। लेकिन क्या अप जानते हैं कि मधुबाला को अपनी ही फिल्म देखने की इजाज़त नहीं मिली। ये किस्सा उनकी फिल्म ‘हंसते आसूं’ से जुड़ा है।

मधुबाला पर किताब ‘I Want to Live’ लिखने वाली खतीजा अकबर ने इस बात का ज़िक्र अपनी किताब में लिखा है। बात 1950 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘हंसते आसूं’ की है। इस फिल्म में मधुबाला ने काम किया था जब उनकी उम्र सिर्फ 16 साल थी। ‘हंसते आसूं’ इंडियन सिनेमा की पहली फिल्म थी, जिसे सेंसर बोर्ड ने A सर्टिफिकेट दिया गया। यह सर्टिफिकेट एडल्ट ऑडियंस को फिल्म देखने की अनुमति देता है।
इस फिल्म के विषय गंभीर थे, जिसकी वजह से इसे सिर्फ एडल्ट ऑडियंस के लिए अनुमति दी गई थी। दिलचस्प बात यह है कि उस समय मधुबाला खुद इतनी कम उम्र की थीं कि उन्हें अपनी ही फिल्म थिएटर में देखने की इजाज़त नहीं थी। खतीजा अकबर की किताब ‘I Want to Live’ में मधुबाला की निजी और पेशेवर जिंदगी के कई अनछुए पहलुओं के बारे में बात की गई है। इसी किताब में मधुबाला के घर के माहौल का भी जिक्र हैं जहां उनके पिता अताउल्ला खान के कड़े नियमों की बात की गई है।
14 फरवरी 1933 को दिल्ली में जन्मी मधुबाला बीमारी के आगे हार गई। एक्ट्रेस का निधन 23 फरवरी 1969 को 36 साल की उम्र में मुंबई में हुआ। वह लंबे समय से दिल की बीमारी (कांगेनिटल हार्ट डिजीज) से पीड़ित थीं। बचपन से ही उनके दिल में छेद था, जिसका उस समय की मेडिकल साइंस में कोई इलाज नहीं था।

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