MahaKumbh 2025: झूठे हैं गंगा जल की शुद्धता पर सवाल उठाने वाले, पद्मश्री वैज्ञानिक ने ऐसे किया प्रमाणित
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बोले, ‘स्नान योग्य ही नहीं, अल्कलाइन वाटर जितना शुद्ध है गंगा का जल’
Prayagraj Mahakumbh: महाकुंभ में गंगा के जल की शुद्धता को लेकर लगातार सवाल किए जा रहे हैं। इसी बीच देश के जाने-माने पद्मश्री वैज्ञानिक डॉ. अजय सोनकर ने गंगा के जल को सिर्फ स्नान योग्य ही नहीं बल्कि अल्कलाइन वाटर जितना शुद्ध बताया है।
संगम, अरैल समेत पांच घाटों के गंगाजल की लैब में जांच के बाद उन्होंने यह दावा किया है। उनका कहना है कि महाकुंभ में 57 करोड़ से अधिक श्रद्धालु के गंगा में स्नान के बाद भी इसकी शुद्धता पर कोई असर नहीं पड़ा है।
गंगा का जल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
घाटों से गंगा जल संग्रह करने के बाद की जांच
प्रयोगशाला में जल के नपूनों को 14 घंटों तक इंक्यूबेशन तापमान पर रखने के बाद भी उनमें किसी भी प्रकार की हानिकारक बैक्टीरिया की वृद्धि नहीं हुई। डॉ सोनकर ने यह भी स्पष्ट किया कि गंगा का जल न केवल स्नान के लिए सुरक्षित है, बल्कि इसके संपर्क में आने से त्वचा संबंधी रोग भी नहीं होते।
डॉ. अजय कुमार सोनकर का दावा है कि कोई भी व्यक्ति उनके साथ घाटों पर जाकर जल के नमूने इकट्ठा कर सकता है और प्रयोगशाला में उनकी शुद्धता की पुष्टि कर सकता है। महाकुंभ में 57 करोड़ से अधिक लोगों के स्नान के बावजूद गंगा जल आज भी अपनी प्राकृतिक शक्ति से रोगमुक्त बना हुआ है।