अनधिकृत लेनदेन से नुकसान की भरपाई बैंकों की जिम्मेदारी : सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में कहा कि खातों से अनधिकृत लेनदेन की सूचना तुरंत देने पर बैंकों को नुकसान को भरपाई करनी होगी। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि बैंक अपने ग्राहकों को उनके खातों से अनधिकृत लेनदेन से बचाने की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकते हैं। खाताधारकों को भी अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह देते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे ओटीपी किसी तीसरे पक्ष के साथ साझा न करें।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने एक मामले में ग्राहक के बैंक खाते से धोखाधड़ी और अनधिकृत लेनदेन के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को जिम्मेदार ठहराया। तीन जनवरी के आदेश में पीठ ने कहा कि ग्राहक के एसबीआई खाते से संबंधित सभी लेनदेन अनधिकृत न धोखाधड़ी वाले पाए गए। जहां तक ऐसे लेनदेन का संबंध है तो यह बैंक की जिम्मेदारी है। बैंक को सतर्क रहना चाहिए। बैंक के पास ऐसे लेनदेन का पता लगाने और रोकने के लिए सर्वोत्तम तकनीक उपलब्ध है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6 जुलाई, 2017 का सर्कुलर स्थिति को और स्पष्ट करता है। पीठ एसबीआई की ओर से गोहाटी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने माना, लेनदेन धोखाधड़ीपूर्ण व अनधिकृत था और ग्राहक ने तुरंत इसकी शिकायत की थी, इसलिए हाईकोर्ट के निर्णय में हस्तक्षेप करना सही नहीं है। चूंकि लेनदेन की सूचना बैंक को 24 घंटे के अंदर दी गई थी, इसलिए कोर्ट ने एसबीआई के इस तर्क को खारिज कर दिया कि ग्राहक के प्रति उसकी कोई देयता नहीं है।

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