शरद पूर्णिमा पर क्यों बनाई जाती है खीर, मान्यता और इसे खाने के फायदे

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पंचांग अनुसार शरद पूर्णिमा पर ध्रुव योग के साथ उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र के संयोग में आश्विन शुक्ल पूर्णिमा बुधवार, 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी संपूर्ण सोलह कलाओं से धरती पर अमृत वर्षा करेगा।

इस दिन ठाकुरजी को चांदी के पात्र में खीर का भोग लगाया जाएगा। चंद्रमा की रोशनी में औषधीय खीर रखी जाएगी। मंदिरों में भी शरदोत्सव के तहत भगवान के समक्ष खीर का भोग लगाकर वितरण किया जाएगा। मंदिरों में श्वेत आभा बिखरेगी। ठाकुर जी को धवल पोशाक धारण कराकर सफेद पुष्पों से श्रृंगार किया जाएगा। धवल चांदनी में मंदिरों में छह हजार से अधिक किलो दूध की खीर का भोग लगाया जाएगा। अस्थमा रोगियों के लिए यह खीर एक औषधि के समान है। विभिन्न संस्थाओं की ओर से भी कार्यक्रम होंगे।

बढ़ती : रोग प्रतिरोधक क्षमता
ज्योतिषाचार्य पं.पुरूषोत्तम गौड़ ने बताया कि चंद्रमा की रोशनी औषधीय गुणों से भरपूर रहती हैं। इसमें खीर पकाने की परंपरा है, जिससे खीर में औषधीय गुण आते हैं। खीर की मिठास से हमें ग्लूकोज मिलता है, जिससे तुरंत एनर्जी मिलती है। चांदी के बर्तन में रोग-प्रतिरोधक बढ़ाने की क्षमता होती है, इससे विषाणु दूर रहते हैं। गाय के दूध से बनी खीर का सेवन करना बहुत लाभदायक है। क्योंकि खीर में दूध, चीनी और चावल के कारक चंद्रमा है। ऐसी खीर खाने से चंद्रमा का दोष दूर होता है।

शरद पूर्णिमा: क्यों बनाई जाती है खीर
ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रदेव 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत वर्षा करते हैं। यही वजह है कि शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में खीर रखने से उसमें अमृत घुल जाता है। इसके अलावा शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्‍मी के प्राकट्योत्‍सव के रूप में मनाया जाता है। यह भी एक वजह है कि शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्‍मी को प्रिय खीर का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में खाने से मां लक्ष्‍मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस दिन तो कुछ लोग मिट्टी के घड़े में पानी भरकर रखते हैं फिर अगली सुबह इस पानी से नहाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे रोग-दोष दूर होते हैं.

शरद पूर्णिमा का महत्व


ज्योतिष के जानकारों व पंडितों के अनुसार शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, जागरी पूर्णिमा और कौमुदी व्रत भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ गरुड़ पर सवार होकर पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। यह वर्ष की 12 पूर्णिमा तिथियों में सबसे विशेष मानी जाती है। शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है, जिसे अमृत काल भी कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है।

: वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानि 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है और इस दिन व्रत रखने का विधान है। शरद पूर्णिमा को ऋतु के आगमन का भी संकेत माना जाता है। इसे शरदोत्सव, रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, कौमुदी उत्‍सव, कुमार उत्सव एवं कमला पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

वहीं शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के 8 स्वरूपों पूजन किया जाता है. उनके आठ रूप हैं, जिनमें धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, राज लक्ष्मी, वैभव लक्ष्मी, ऐश्वर्य लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, कमला लक्ष्मी एवं विजय लक्ष्मी है. सच्चे मन से मां लक्ष्मी की अराधना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी पूजन करने से सभी प्रकार के कर्जों से मुक्ति मिलती है

ऐसे समझें शरद पूर्णिमा खीर खाने के फायदे

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की खीर खाने से कई रोगों से मुक्ति मिल सकती है, खासकर चर्म रोगियों के लिए फायदेमंद मानी जाती है। इसके अलावा, यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद कर सकती हैं। मान्यता है कि प्रसाद के रूप में य‍ह खीर खाने से आपको कभी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा और मां लक्ष्‍मी का आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहेगा।

ये हैं शुभ मुहूर्त 2024 : Sharad Purnima Muhurta 2024
पूर्णिमा का मुहूर्त 16 अक्टूबर को 08 बजकर 40 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन यानी 17 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। इस दिन चंद्रोदय (chandrouday) शाम 5 बजकर 04 मिनट पर होगा। आपको बता दें कि शरद पूर्णिमा का व्रत चांद के दर्शन करके खोला जाता है।

शरद पूर्णिमा 2024 का राशियों पर असर…

कर्क राशि : शरद पूर्णिमा कर्क राशि वालों के लिए बहुत शुभ फलदायी रहेगी. इन लोगों के बिगड़े काम बनने लगेंगे. करियर में लाभ होगा. पद, पैसा, प्रतिष्‍ठा मिलेगी. कारोबार जमकर चलेगा. परिवार में खुशहाली रहेगी.

कन्‍या राशि : इस राशि के जातकों के लिए शरद पूर्णिमा बड़ी सफलता का गवाह बनेगी. आप उपलब्धि हासिल करेंगे. समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा. आर्थिक लाभ होगा, तंगी दूर होगी. परिवार में खुशी का माहौल रहेगा.

मकर राशि: इस राशि के जातकों का आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा. रुके हुए काम पूरे होंगे. करियर में बड़ा लाभ होगा. आपको महत्‍वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ वेतनवृद्धि की सौगात मिल सकती है. सरकार से लाभ होगा. सहयोग मिलेगा.

मीन राशि: इस राशि के जो जातक करियर-नौकरी में बदलाव की योजना बना रहे हैं, उन्‍हें सफलता मिल सकती है. नए अवसर मिलेंगे जो आपको उम्‍मीद से बड़ा फायदा देंगे. इसके अलावा भी जीवन में कई सकारात्‍मक बदलाव आएंगे. निवेश से लाभ होगा.

शरद पूर्णिमा पूजा-विधि
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और फिर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद पूजा स्थल पर चौकी पर एक पीला या लाल वस्त्र विछा लें। वहीं इसके बाद मांं लक्ष्मी और विष्णु भगवान का चित्र या प्रतिमा स्थापित कर लें। इसके बाद घी का दीपक और धूपबत्ती जलाएं और उसके बाद उन्हें गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, सुपारी और दक्षिणा आदि अर्पित करें। इसके बाद गंगाजल हाथ में लेकर पूजा और व्रत का संकल्प लें। साथ ही रात के समय छोटे बर्तनों में खीर रखकर उसे चंद्रमा की रोशनी में किसी छलनी से ढककर रख दें। इसके बाद अगले दिन सुबह स्नान करके मां लक्ष्मी को खीर अर्पित करें और फिर घर के सभी सदस्यों में उस खीर का भोग बांट दें। ऐसे करने से जीवन में सुख- समृद्धि और आरोग्य रहने की मान्यता है।

ये हैं लक्ष्मी आकर्षण मंत्र…

1- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
इस मां लक्ष्मी के मंत्र का जप शरद पूर्णिमा की रात को चांद को देखते हुए करें। ऐसा करने से जीवन में संपन्नता आती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

2- ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये
शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र के जप करने से मां लक्ष्मी के साथ साथ कुबेर देवता भी प्रसन्न होते हैं। साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

3-ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा:
इस महामंत्र का जप करने से धन में वृद्धि के योग बनते हैं। साथ ही परिवार के सदस्यों की तरक्की के योग बनते हैं।

4-ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में इस मंत्र का 108 बार जप करें। ऐसा करने से ऐश्वर्य और पद- प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।

5-ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
अगर आप कर्जे से परेशान हैं तो आप शरद पूर्णिमा की रात इन मंत्रों का जप अवश्य करें। इस मंत्र के जप से धन प्राप्ति के मार्ग बनते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है।

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