RSS की ‘शस्त्र पूजा’ और संघ प्रमुख का ‘अपराध और राजनीति के गठबंधन’ पर तीखा प्रहार

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  • प्रधानमंत्री मोदी ने दीं विजयादशमी की शुभकामनाएं 

Dussehra 2024: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को विजयादशमी (Vijayadashami) के अवसर पर नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में ‘शस्त्र पूजा’ की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथिपद्म भूषण और पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख के राधाकृष्णन और RSS प्रमुख के साथ आए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और पूर्व इसरो प्रमुख के सिवन भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

RSS प्रमुख का विजयादशमी संबोधन संगठन के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम माना जाता है क्योंकि उनके संबोधन के दौरान भविष्य की योजनाओं और विजन को सभी के सामने रखा जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आयोजित दशहरा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप केस (Kolkata RG Kar Rape Case) पर बयान दिया है।

इसलिए मनाते हैं विजयादशमी का त्योहार?
विजयादशमी, या दशहरा, नवरात्रि के अंत में हर साल मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह हिंदू लूनी-सौर कैलेंडर के सातवें अश्विन महीने के दसवें दिन मनाया जाता है। यह त्योहार आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के ग्रेगोरियन कैलेंडर महीनों में आता है।

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विजयादशमी का त्यौहार देश के लगभग हर हिस्से में मनाया जाता है, और इसके साथ कई कहानियाँ जुड़ी हुई हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय भारत के सबसे पूजनीय देवताओं में से एक भगवान राम द्वारा रावण को हराने की कहानी है। यह त्यौहार दिवाली की तैयारियों की भी शुरुआत करता है, जो विजयादशमी के बीस दिन बाद मनाया जाता है।

‘आरजी कर अस्पताल की घटना लज्जित करने वाली’
राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आयोजित विजयादशमी उत्सव में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज का भी जिक्र किया। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि द्रौपदी के वस्त्र का हरण हुआ, तो महाभारत जैसे युद्ध हो गया।

सीता हरण हुआ, तो रामायण हो गया। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जो हुआ वह लज्जित करने वाला हो गया है। ऐसा नहीं होना चाहिए था, होने के बाद भी वहां जिस तरह की टालमटोली हुई वह अपराध और राजनीति के गठबंधन को दिखाता है। इसके अलावा संघ प्रमुख ने कई मुद्दों पर देशवासियों को मिल कर आगे बढ़ने को कहा।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 99 साल पूरे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 99 साल पूरे हो गए हैं। स्थापना दिवस को विधिवत ही शुरू किया गया। विजयादशमी उत्सव की शुरुआत शस्त्र पूजन से हुई। कार्यक्रम में इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ. के राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। सुबह 6:15 बजे नागपुर के स्वयंसेवकों ने पारंपरिक पथ संचलन में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान RSS बैंड ने अपनी प्रस्तुति दी। इस दौरान RSS कार्यालय पर संघ का ध्वजारोहण भी किया गया।

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मोहन भागवत ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लिया। साल 1925 में विजयादशमी के दिन ही आरएसएस की स्थापना हुई थी, इसलिए विजयदशमी RSS के लिए कई मायनों में अहम है। डॉ. बलराम कृष्ण हेडगेवार ने 1925 में विजयादशी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी। आज दुनिया भर के कई देशों में RSS की शाखा लगती है। 99 साल के सफर में तीन बार संगठन पर बैन भी लग चुका है।

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को लोगों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘देशवासियों को विजयादशमी की असीम शुभकामनाएं। मां दुर्गा और प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से आप सभी को जीवन के हर क्षेत्र में विजय हासिल हो, यही कामना है।’’ विजयादशमी असुरों के राजा रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है और इसके साथ ही दुर्गा पूजा उत्सव का समापन होता है।

इधर, रत्नागिरी में संघ की शोभायात्रा के दौरान तनाव, दो मामले दर्ज

महाराष्ट्र के रत्नागिरी शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शोभायात्रा के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा कथित तौर पर नारे लगाए जाने के बाद तनाव व्याप्त हो गया। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। रत्नागिरी पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कोंकण नगर इलाके में शुक्रवार रात हुई इस घटना के बाद पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं।

पुलिस ने बताया, ‘‘हमने शिकायतों के आधार पर दो मामले दर्ज किए हैं। पांच आरोपियों की पहचान कर ली गई है और हमने उन्हें नोटिस जारी कर दिया है। अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।’’ अधिकारी ने बताया कि आरएसएस ने जब दशहरा उत्सव की पूर्व संध्या पर इलाके में शोभायात्रा (पथ संचलन) निकाली थी तो अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कथित तौर ऐसे नारे लगाए जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं।

उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद कोई हिंसा नहीं हुई, लेकिन कल देर रात कई लोग पुलिस थाने में एकत्र हुए और घटना में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। अधिकारी ने बताया कि इस घटना के संबंध में भारतीय न्याय संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामले दर्ज कर लिए गए हैं और जांच जारी है।

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