Noel Tata: टाटा ट्रस्‍ट के नए चेयरमैन 3 साल पहले देहरादून आए थे, चुप रहकर करते हैं काम

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  • बेटियों के साथ Noel Tata पहुंचे थे ऋषिकेश
  • कमान संभालने के बाद जानिए क्या कहा?
  • एक साल में कमाई दोगुनी-तिगुनी करने की कुव्वत रखते हैं नोएल

Noel Tata: नोएल टाटा को टाटा समूह का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। यह निर्णय पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन के बाद लिया गया। जिसके बाद अब यह टाटा समूह के 165 अरब डॉलर के कारोबारी साम्राज्य का नेतृत्व करेंगे। वहीं एन चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन (N Chandrashekharan, Chairperson of the Tata Group) के रूप में अपने नेतृत्व को जारी रखेंगे। आपको बताते चलें कि नोएल टाटा कुछ साल पहले अमित कपूर के बुलावे पर देहरादून आ चुके हैं।

अपनी बेटियों के साथ ऋषिकेश आए थे
भाजपा विधायक सविता कपूर के पुत्र व उद्यमी अमित कपूर ने बताया, नोएल टाटा से उनकी पहली मुलाकात मुंबई के ताज होटल में एक आयोजन में हुई थी। इसके बाद से वह लगातार उनके संपर्क में हैं। करीब तीन साल पूर्व वह ऋषिकेश अपनी बेटियों के साथ आए थे। तब उनके अनुरोध पर नोएल दून पहुंचे थे।

नोएल टाटा अपनी बेटियों के साथ देहरादून में उनके बन रहे प्रतिष्ठान को देखने पहुंचे थे। अमित कपूर बताते हैं कि नोएल टाटा बहुत ही सरल स्वभाव के हैं। नोएल टाटा से मिलकर उन्हें कभी नहीं लगा कि वह इतने बड़े व्यापार समूह के मालिक हैं।

ऐसे समझें नोएल टाटा को…
नोएल टाटा के पास आयरिश नागरिकता है लेकिन, उनकी पहचान और काम भारत से गहराई से जुड़े हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, नोएल टाटा की कुल संपत्ति लगभग 12,455 करोड़ रुपए (Noel Tata Total Net worth) है। टाटा समूह के साथ नोएल की यात्रा वर्ष 1999 में शुरू हुई। वह ट्रेंट (Trent) , वोल्टास (Voltas) और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (Tata Investment Corporation) के प्रेसिडेंट हैं।

साथ ही टाटा स्टील (Tata Steel) और टाइटन (Titan) के वाइस प्रेसिडेंट हैं। नोएल जिन कंपनियों में प्रेसिडेंट है, उनके शेयरों ने निवेशकों को एक साल में दोगुने से ज्यादा रिटर्न दिया है। नोएल ने वर्ष 2010 से 2021 तक टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड का नेतृत्व किया, उस दौरान इस कमोडिटी ट्रेडिंग फर्म का रेवेन्यू 50 करोड़ डॉलर से बढक़र 300 करोड़ डॉलर हो गया।

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Noel Tata ये बोले…
टाटा ट्रस्‍ट के चेयरमैन बनने के बाद नोएल टाटा ने टाटा ट्रस्‍ट और रतन टाटा के बारे में कहा कि वे रतन टाटा और टाटा ग्रुप के संस्थापकों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं। नोएल टाटा ने कहा कि वह अपने साथी ट्रस्टियों द्वारा दी गई इस जिम्मेदारी से बहुत सम्मानित और विनम्र महसूस कर रहे हैं।

नोएल टाटा ने टाटा ट्रस्‍ट के चेयरमैन नियुक्‍त होने को लेकर कहा कि एक सदी से भी अधिक समय पहले स्‍थापित टाटा ट्रस्‍ट सामाजिक भलाई के लिए एक अनूठा माध्‍यम है। कहा कि हम अपने विकास और परोपकारी पहलों को आगे बढ़ाने और राष्‍ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए खुद को फिर से समर्पित कर रहे हैं।

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Trent: एक साल में निवेशकों की रकम करीब चार गुना

ट्रेंट (Trent): इस कंपनी ने निवेशकों की रकम को एक साल में करीब चार गुना कर दिया है। एक साल में ट्रेंट के शेयर ने 292% रिटर्न दिया है। 2100 रुपए से बढ़कर इसके शेयरों की कीमत 8231 रुपए हो गई है।

टाटा इन्वेस्टमेंट (Tata Investment) : इसने एक साल में करीब 118% रिटर्न दिया है। 3233 रुपए से बढक़र इसके शेयर की कीमत 7040 रुपए हो गई है।

वोल्टास (Voltas) : अभी इसके शेयर की कीमत 1791 रुपए है। एक साल में कंपनी ने निवेशकों को 108% रिटर्न दिया है।

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Trent के पास एक स्टोर था, आज हैं 890+
नोएल टाटा ने ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 1999 में जब वे ट्रेंट के एमडी बने तब ट्रेंट के पास केवल एक स्टोर था जिसकी संख्या अभी 890 से भी अधिक है। ट्रेंड अभी टीसीएस, टाइटन और टाटा मोटर्स के बाद टाटा समूह की चौथी सबसे बड़ी कंपनी है। उनके नेतृत्व में ट्रेंट ने काफी प्रगति की है। अब वह जारा और मासिमो जैसे वैश्विक ब्रांडों के अलावा वेस्टसाइड, स्टार बाजार और जूडियो सहित विभिन्न ब्रांडों को मैनेज कर रही है। पिछले 5 साल में कंपनी की कमाई 5 गुना बढ़ी है।

सर रतन टाटा ट्रस्ट बोर्ड : Noel की 2018 में नियुक्त
वर्ष 2010 में नोएल (Noel Tata) को टाटा इंटरनेशनल का एमडी नियुक्त किया गया था तब अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि उन्हें टाटा ग्रुप के प्रमुख के रूप में रतन टाटा का उत्तराधिकारी बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। लेकिन 2011 में टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाने की घोषणा की।

इस निर्णय ने लोगों को चौंका दिया, लेकिन नोएल (Noel Tata) चुपचाप अपना काम करते रहे। जब 2017 में एन. चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया, तब भी नोएल इसके प्रबल दावेदार थे। नोएल (Noel Tata) को 2018 में सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में नियुक्त किया गया।

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चुनौतियां: जो Noel Tata के सामने होंगी
रतन टाटा (Ratan Tata) का नाम उद्योग और समाज सेवा में अग्रणी रहा। नोएल (Noel Tata) के सामने इन मानकों को बनाए रखने और ट्रस्ट की परंपराओं को आगे बढ़ाने की चुनौतियां होंगी। उन्हें न केवल रतन टाटा की दृष्टि को बरकरार रखनी होगी बल्कि ट्रस्ट को नए युग की चुनौतियों के लिए तैयार करना होगा।

टाटा ट्रस्ट का शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और विज्ञान में भी विशेष योगदान रहा है। ट्रस्ट को डिजिटल इंडिया, स्किल डेवलपमेंट और महिला सशक्तीकरण जैसी योजनाओं के साथ जोड़ना और नए क्षेत्रों में योगदान देना भी प्रमुख चुनौती होगी।

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