Uttarakhand: पांच सालों में बढ़ने के बजाए कम हो गईं पंचायतों की सीटें

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  • परिसीमन में हुआ खुलासा

देवभूमि उत्तराखंड में पिछले पांच साल में पंचायतों की सींटे बढ़ने के बजाए कम हो गईं हैं। उत्तराखंड में पंचायतों की आबादी के हिसाब से किए गए परिसीमन से यह तस्वीर सामने आई है। ये सभी कम हुई पांच सीटें पर्वतीय जिलों की है।

इसके साथ ही पांच वर्षों में जिला पंचायतों की मात्र दो ही सीटें बढ़ी हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि उत्तराखंड राज्य गठन के 24 साल बाद भी उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में पलायन का कम नहीं हुआ। उत्तराखंड में पर्वतीय जिलों में अभी भी लोग पलायन कर रहे हैं।

देवभूमि में हरिद्वार जिले को छोड़कर अन्य 12 जिलों में पंचायतों का परिसीमन किया गया है। विभाग की ओर से ग्राम पंचायत वार्ड व ग्राम के परिसीमन के बाद बृहस्पतिवार को क्षेत्र और जिला पंचायतों के परिसीमन की रिपोर्ट जारी कर दी गई है।

वर्ष 2024 के लिए जो परिसीमन किया गया था उस परिसीमन में हरिद्वार को छोड़कर अन्य 12 जिलों में क्षेत्र पंचायतों की 2,936 सीटें हैं, जबकि पांच साल पहले वर्ष 2020-21 में जो परिसीमन किया गया उस परिसीमन में इन जिलों में क्षेत्र पंचायतों की 2,941 सीटें थीं। इनमें सबसे अधिक पिथौरागढ़ जिले में क्षेत्र पंचायतों की तीन सीट कम हुई हैं।

नई जिला पंचायतों में मात्र दो वजूद में आई

इसके साथ ही चमोली और रुद्रप्रयाग में भी क्षेत्र पंचायतों की सीटें कम हुई हैं, जबकि जिला पंचायतों के परिसीमन में मात्र दो नई जिला पंचायतें ही वजूद में आई हैं। वर्ष 2020-21 में हुए जिला पंचायतों के परिसीमन में हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में जिला पंचायतों की 341 सीटें थी, जो पांच साल में बढ़कर मात्र 343 ही हुई हैं। स्पष्ट है कि जिला पंचायतों की पांच सालों में मात्र 2 सीटें ही बढ़ी हैं।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आबादी के हिसाब से ही पंचायतों का भी परिसीमन किया गया है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में निकायों के विस्तार से भी पंचायतों की सीटें घटी और बढ़ी हैं। वहीं ग्राम पंचायत की 27 और पंचायत वार्डों की संख्या 138 बढ़ी है।

नए परिसीमन के बाद जिला पंचायतों की सीटें

देवभूमि में जिला पंचायतों के नए परिसीमन के बाद अल्मोड़ा में जिला पंचायतों की सीट 45, नैनीताल में 27, बागेश्वर में 19, पिथौरागढ़ में 32, ऊधमसिंह नगर में 35, पौड़ी गढ़वाल में 38, टिहरी गढ़वाल में 45, चमोली में 26, रुद्रप्रयाग में 18, उत्तरकाशी में 28, देहरादून में 30 सीटें हैं, जबकि शहरी विकास विभाग की अधिसूचना के तहत चंपावत में परिसीमन नहीं किया जा सका है। परिसीमन 2024 से पहले इस जिले में जिला पंचायत की 15 सीटे हैं।

इस संबंध में उप निदेशक पंचायत, मनोज तिवारी का कहना है कि क्षेत्र पंचायत का मानक औसतन 1,250 है, जबकि जिला पंचायत का 12,000 और ग्राम पंचायत का 500 एवं इससे अधिक का मानक है।

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