Uttarakhand Congress: केदारनाथ धाम की व्यवस्थाओं पर कांग्रेस के गंभीर आरोप
- कहा- मंदिर की सुरक्षा को खतरा है
केदारनाथ यात्रा को लेकर प्रदेश सरकार की व्यवस्था पर उत्तराखंड कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां श्रद्धालुओं के साथ मनमानी हो रही है जिससे श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है।
कांग्रेस का आरोप है कि यहां जाने वाले श्रद्धालु अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
दरअसल उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का समापन हो गया है। इस यात्रा का समापन केदारनाथ में भैरव बाबा के मंदिर में सनातन प्रेमियों द्वारा जलाभिषेक के साथ हुआ। इस दौरान यहां लगाई गई अर्जी में केदारनाथ धाम के साथ हो रहे रक्षा और न्याय के प्रति सरकारी षड्यंत्रों के खिलाफ की गुहार लगाई गई, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने देहरादून में इस यात्रा के समापन की जानकारी दी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा ने कहा कि यात्रा मार्ग पर स्थानीय व्यवसायियों, तीर्थ पुरोहितों और मजदूर वर्ग के लिए सरकार लगातार अपनी मनमानी कर रही है।
सरकार ने यात्रा मार्ग को लेकर बड़े बड़े दावे किए थे लेकिन दुर्गम यात्रा के बावजूद होने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव रहा, साथ ही ऑक्सीजन पार्लरों की व्यवस्था भी नहीं दिखी।
जबकि यात्रा में ऑक्सीजन की कमी होना सबसे बड़ी समस्या है, रजिस्ट्रेशन के नाम पर केवल कांग्रेस की प्रतिष्ठा यात्रा ही प्रभावित नहीं हुई, बल्कि स्थानीय व्यापार भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, जिससे व्यापारियों में भारी आक्रोश है। स्थानीय व्यापार प्रभावित होने के चलते व्यापारियों ने बैंक से यात्रा के दौरान जो कर्ज लिया था, उसे चुकाने में अपनी असमर्थता जताई है।
कांग्रेस ने लगाए अव्यवस्था के आरोप
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि स्थानीय सही लोगों से टेंट कॉलोनी के नाम पर 80,000 रुपये प्रति टेंट वसूला गया है, जबकि यात्रा के ना चलने से स्थानीय लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।
प्रशासन ने स्थानीय लोगों से 5,900 रुपये प्रति कच्ची दुकान का पर्चा काटा और इसके बाद ही वन विभाग ने 10,000 रुपये का चालान भी कर दिया। जिससे लोगों में सरकार के प्रति काफी आक्रोश है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकारी विभागों के बीच संवादहीनता है और इसका परिणाम स्थानीय बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है। घोड़ा खच्चर का संचालन करने वालों से भी 300 रुपये प्रति चक्कर वसूले जा रहे हैं, जबकि अवैध रूप से स्थानीय लोगों से 1,000 से 2,000 रुपये के चालान भी काटे जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का दावा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने 31 जुलाई को हुई आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि प्रशासन के पास अभी तक आपदा में हुए मृत और लापता व्यक्तियों का सही आंकड़ा नहीं है।
आपदा के कारण जितना भी नुकसान हुआ है उसका अभी तक कोई उचित मूल्यांकन नहीं हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
उन्होंने यह भी बताया कि ऑल वेदर रोड के आपदा ग्रस्त हिस्सों पर भी प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं दिख रही है, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
करन माहरा ने कहा कि कांगे्रस द्वारा आयोेजित केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का मुख्य उद्देश्य केदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा की रक्षा करना था, जिसमें से कुछ हद तक सफलता भी मिली है।
दिल्ली के बुराड़ी में हो रहा केदारनाथ निर्माण का कार्य भी रोका गया, लेकिन दिल्ली से लाई जाने वाली शिला अभी तक केदारनाथ धाम में नहीं लौटी है।
दिल्ली के व्यापारियों द्वारा चंदा एकत्रित करने के लिए लगाए गए क्यूआर कोड से एकत्र की गई राशि भी अभी तक वापस नहीं की गई है, उन्होंने 228 किलो सोने को पीतल में बदलने और आदि शंकराचार्य के अपमान के मामले पर भी सरकार के खिलाफ सवाल उठाए, जिसका सरकार की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।