Uttarakhand: देहरादून स्थित राष्ट्रपति आशियाना में गाइड बनने का मौका

0
  • इच्छुक युवा 30 अप्रैल तक यहां करें अप्लाई

देवभूमि उत्तराखंड के देहरादून में स्थित राष्ट्रपति आशियाना में युवाओं को स्कॉलर गाइड बनने का मौका है। राष्ट्रपति भवन ने इसकी विज्ञप्ति जारी कर दी है। युवा अपनी पढ़ाई के साथ चुने गए दिनों में यहां स्कॉलर गाइड की सेवाएं दे सकते हैं।

दरअसल, आशियाना को जून माह में आमजन के लिए खोलने के साथ ही यहां एक विशाल पार्क का शिलान्यास भी राष्ट्रपति करेंगी। आने वाले समय में यह बड़ा पर्यटन स्थल बन सकता है।

भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर राष्ट्रपति भवन 10 स्कॉलर गाइड रखने जा रहा है। यह भारतीय होने चाहिएं। प्रथम श्रेणी के साथ ग्रेजुएशन पास हों। सार्वजनिक रूप से बोलने में कोई हिचकिचाहट न हो। कम्यूनिकेशन स्किल ऐसी हो कि वह कहानी सुनाने की कला में माहिर हो। समय के हिसाब से खड़े रहने और टहलने की क्षमता हो। हिंदी और अंग्रेजी में बोलने की महारत हो। इसके अलावा गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी बोलियों की जानकारी भी रखता हो।

स्कॉलर गाइड बनने के लिए पर्यटन स्थल, म्यूजियम, धरोहरों या कार्यक्रमों का अनुभव रखने वालों को प्राथमिकता मिलेगी। इसी प्रकार, जिन युवाओं के पास टूरिज्म में डिप्लोमा सर्टिफिकेट होगा, उन्हें भी प्राथमिकता मिलेगी। श्रवणबाधित पर्यटकों के लिए थोड़ा साइन लैंग्वेज की भी जानकारी होनी चाहिए। चुने गए युवाओं को चुनिंदा दिनों के लिए सेवा करने का मौका मिलेगा, जिसमें प्रतिदिन 1200 रुपये का भुगतान भी मिलेगा। इच्छुक युवा 30 अप्रैल तक manager.ashiana@rb.nic.in पर अपना हस्ताक्षर किया हुआ रिज्यूम और स्वप्रमाणित प्रमाणपत्रों की कॉपी भेज सकते हैं।राष्ट्रपति आशियाना : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की आमजन के लिए खोलने की पहल 

राष्ट्रपति आशियाना की स्थापना मूलतः 1838 में गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के घोड़ों और सवारों के ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में की गई थी। घोड़े मई से जुलाई के महीने में दिल्ली की गर्मी से बचने के लिए यहां रहते थे। देश की आजादी के बाद यह प्रथा राष्ट्रपति के अंगरक्षक ने जारी रखी। आशियाना भवन को 1920 में अंगरक्षक के कमांडेंट के बंगले के रूप में बनाया गया था। 1975-76 में राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के लिए शिमला के वैकल्पिक ग्रीष्मकालीन निवास के रूप में इस एस्टेट और भवन को राष्ट्रपति निवास में बदल दिया गया था। 1976 में बंगले का नाम बदलकर राष्ट्रपति आशियाना रखा गया। यह नाम प्रथम महिला बेगम आबिदा अहमद ने सुझाया था। आशियाना ने राष्ट्रपति अहमद, नीलम संजीव रेड्डी , जैल सिंह और केआर नारायणन की मेजबानी की, जो 1998 में वहां रुके थे। इसके बाद आशियाना का उपयोग बंद हो गया। फिर जीर्णोद्धार किया गया और 2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसका उद्घाटन किया था। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे आमजन के लिए खोलने की पहल की है। 237 एकड़ में फैले इस परिसर में आशियाना बिल्डिंग, एनेक्सी कॉम्प्लेक्स, एक स्विमिंग पूल और ऊपरी और निचले अस्तबल शामिल हैं। एस्टेट में लीची और आम के पेड़ों का एक बाग है।
0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed