Uttarakhand: अब IMA के बारे में पढ़ेंगे सरकारी स्कूलों के छात्र

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  • पाठ्यचर्या रूपरेखा के ड्राफ्ट में की सिफारिश

देवभूमि उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के छात्र देश की सबसे पुरानी सैन्य अकादमियों में से एक भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के बारे में पढ़ेंगे। राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा के ड्राफ्ट में इसकी सिफारिश की गई है।एससीईआरटी की ओर से तैयार ड्राफ्ट में कहा गया कि छात्र-छात्राओं में देश की सैन्य परंपरा के प्रति सम्मान विकसित करने के लिए देश के प्रतिष्ठित सैन्य संस्थान भारतीय सैन्य संस्थान देहरादून की जानकारी विषय वस्तु के रूप में शामिल की जानी चाहिए।

एससीईआरटी की ओर से तैयार ड्राफ्ट में यह भी कहा गया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान के साथ-साथ उत्तराखंड के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के प्रकाशित शोध एवं सर्वेक्षण एवं उनकी प्रेरणा का लाभ भी छात्र-छात्राओं को दिया जाना चाहिए।

उत्तराखंड के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक शोध संस्थानों जैसे खगोल विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित आर्य भट्ट प्रेक्षण शोध संस्थान नैनीताल, भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून, भारतीय पेट्रोलियम शोध संस्थान देहरादून, जड़ी-बूटी शोध संस्थान मंडल गोपेश्वर, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान मुक्तेश्वर नैनीताल, आईआईटी रुड़की सहित कई संस्थानों हैं, जो भ्रमण कार्यक्रम के लिए अहम स्थान हैं।

राज्य में 17 स्थानीय लोक भाषाएं हैं बोलचाल में
एससीईआरटी की ओर से तैयार किए गए एससीएफ में कहा गया कि राज्य में लगभग 17 स्थानीय लोक भाषाएं आम बोलचाल में प्रयोग की जाती है, जिनमें अपार स्थानीय पारंपरिक ज्ञान के संदेश और उदाहरण हैं। जिनकी शब्द संपदा बहुत ही समृद्ध है। ध्वनि, अनुभूति, स्वाद व स्पर्श आदि के लिए उनके भाव के अनुसार अलग-अलग शब्द हैं, जो किसी अन्य भाषा में देखने को नहीं मिलते।

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