गुलदार के हमले में किशोरी की मौत, खून से लथपथ शव को देख परिवार में मचा कोहराम
देवभूमि उत्तराखंड़ में टेहरी के भिलंगना ब्लॉक के एक गांव में एक किशोरी को गुलदार (तेंदुए की तरह का जानवर) ने हमलाकर मार डाला। किशोरी का शव घर से कुछ दूर खून में लथपथ मिला है। दुकान से सामान लेकर घर लौट रही बेटी की मौत पर परिवार में कोहराम मच गया। अपराह्न करीब साढ़े चार बजे हुई इस घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। भिलंगना ब्लाॅक में तीन माह में तीसरी घटना होने पर ग्रामीणों ने वन विभाग के प्रति कड़ा रोष जताया है।
हिंदाव पट्टी में कोट के महर गांव निवासी वीरेंद्र सिंह कैंतुरा की बेटी साक्षी (13) शनिवार अपराह्न करीब साढ़े चार बजे घर से 50 मीटर दूर दुकान से सामान लेकर घर लौट रही थी। इस दौरान रास्ते में घात लगाए बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। साक्षी ने शोर भी मचाया, लेकिन जब तक लोग वहां पहुंचे गुलदार साक्षी को वहां से घसीटकर झाडिय़ों में ले गया था। शोर मचाते हुए ग्रामीण निशान देखकर झाडिय़ों की तरफ गए तो घटनास्थल से करीब 50-60 मीटर आगे झाडिय़ों में उसका क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला।
मां संगीता बेटी का शव देेखते ही बेहोश होकर गिर पड़ी। किशोरी की मौत की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर एकत्रित हो गए। क्षेत्र में तीन महीने में तीसरी घटना होने पर ग्रामीणों ने कड़ा रोष जताया है। ग्रामीणों ने वन विभाग से बच्चों की सुरक्षा की मांग की है। देर शाम तक वन विभाग की टीम पहुंचने तक शव घटनास्थल पर ही रखा गया था। रेंजर आशीष नौटियाल ने बताया कि गांव में किशोरी की मौत के बाद वहां मचान बनाकर शूटर तैनात किया गया है। गुलदार के शव के पास लौटने का इंतजार किया जा रहा है।
गुलदार और तेंदुए में अंतर ऐसे समझें
गुलदार भी एक किस्म के लैपर्ड ही होते हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर हैं। जनकारों के अनुसार लैपर्ड यानि तेंदुए के शरीर पर चकत्ते चौकोर होते हैं, जबकि गुलदार के शरीर पर गोल चकत्ते होते हैं। सिर्फ गोल और चौकोर का अंतर ही इन दोनों को अलग करता है। गुलदार के शरीर के चकत्ते गुलदार के फूल जैसे दिखते हैं इसलिए भी इस कैट को गुलदार कहते हैं।