‘गंगा की तरह होता रहे विचारों का प्रवाह’
- दो दिवसीय व्याख्यान माला गंगधारा के शुभारंभ पर बोले सीएम धामी
देवभूमि विकास संस्थान और दून विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित दो दिवसीय व्याख्यान माला गंगधारा विचारों का अविरल प्रवाह कार्यक्रम का शुभारंभ शनिवार को किया गया। विवि के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, गंगा की तरह विचारों का प्रवाह भी कभी रुकना नहीं चाहिए। विचारों का प्रवाह ही हमें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। Iसीएम धामी ने कहा, विचारों का आदान-प्रदान हमारी प्राचीन काल की संस्कृति है।
वहीं, इस मौके पर उत्तराखंड में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, हिमालय क्षेत्र की धारण क्षमता एक बड़ी चुनौती है। हमें आर्थिक विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण, पलायन रोकने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा, उत्तराखंड में जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) और सशक्त भू-कानून को लागू किया जाएगा। विवि की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल ने कहा, विचारों से ही ज्ञान बढ़ता है और जहां ज्ञान है वहां शक्ति है। उन्होंने कहा, विद्या हमें कभी बंधनों में नहीं बांध सकती। यही वजह है कि आने वाले समय में भारत पूरे विश्व को रास्ता दिखाएगा।
सकारात्मक बनने के बजाय बनें यथार्थवादी : स्वामी अवधेशानंद
मुख्य वक्ता जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा, सकारात्मक बनने के बजाय यथार्थवादी बनें। किसी भी अवधारणा के लिए खुद को न छुपाए। उन्होंने कहा, गंगा भारत की जीवन रेखा है। गंगा की धारा की तरह हमारे विचार हमें प्रेरित करते हैं और हमारी दिशा व दशा तय करते हैं। इतना ही नहीं विचार ही व्यक्ति को मुक्त करते हैं। उन्होंने कहा, खुद से एक सवाल अवश्य करें कि मैं कौन हूं? यह भारत का विचार है। यही वजह है कि भारत ने पूरे विश्व को तमसो मा ज्योतिर्गमय का विचार दिया। उन्होंने कहा, आजकल सनातन की बहुत चर्चा है, लेकिन यह चर्चा आज की नहीं, बल्कि सदियों से चली आ रही है। उन्होंने आह्वान किया कि अपनी जड़ों से जुड़कर अपने परिवार व गांवों से जुड़ें। हमारे पास सब कुछ होने के बाद भी हमारे गांव भूतिया बन रहे हैं। ऐसे में दूसरे देशों और दूसरी जगह जाकर शादी व अन्य कार्यक्रम करने के बजाय अपने गांव में अपने आसपास के लोगों के साथ उत्सव मनाएं।
प्री-वेडिंग काउंसलिंग समय की जरूरत : त्रिवेंद्र सिंह रावत
वहीं कार्यक्रम के अध्यक्ष हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, गंगा करोड़ों हिंदुओं की आस्था है। आने वाली पीढ़ी को इससे जोड़ने के लिए लगातार यह कार्यक्रम किया जाएगा। वहीं, उन्होंने तलाक की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए कहा, जिस तरह शादी से पहले लड़के-लड़कियों का प्री वेडिंग शूट होता था, उसी तरह प्री मैरिज काउंसलिंग कराई जानी चाहिए।I