ऑपरेशन सिंदूर पर शुभम द्विवेदी के पिता ने कहा- ये है असली श्रद्धांजलि, थैंक्यू मोदी जी, सैल्यूट आर्मी…’

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कानपुर। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) में मारे गए कानपुर (Kanpur) के शुभम द्विवेदी (Shubham Dwivedi) के पिता संजय द्विवेदी ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘थैंक्यू मोदी जी, सैल्यूट आर्मी’. उन्होंने भारतीय सेना की कार्रवाई को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) का धन्यवाद किया और कहा, सेना की इस कार्रवाई ने हमें सरकार पर भरोसा करने का हौसला दिया है. पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद को जिस तरह भारतीय सेना ने कुचला है, उसके लिए मैं सेना का आभारी हूं. जब से ये खबर सुनी है, मेरा पूरा परिवार हल्का महसूस कर रहा है. ये असली श्रद्धांजलि है।

शुभम के रिश्तेदार मनोज द्विवेदी ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, हमने 22 अप्रैल को ही कहा था कि इस देश में एक क्रांति आएगी और पीएम मोदी आतंकवाद को खत्म करने के लिए कड़ा कदम उठाएंगे. आज सेना ने हमारे बेटे को असली श्रद्धांजलि दी है, इसके लिए पीएम मोदी का धन्यवाद. इस बीच, कानपुर समेत पूरे देश के कई हिस्सों में लोगों ने “भारतीय सेना ज़िंदाबाद” और “भारत माता की जय” के नारे लगाकर सेना की बहादुरी की सराहना कीष

दो महीने पहले ही हुई थी शादी
दो महीने पहले शुभम द्विवेदी ने जीवन की नई शुरुआत की थी. ऐशान्या के साथ उन्होंने फेरे लिए थे. पूरे परिवार के साथ वह कश्मीर घूमने गए थे. आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर शुभम और ऐशान्या की शादी की कई तस्वीरें वायरल हुई. लाल लहंगे में सजी दुल्हन, सिर पर सेहरा बांधे दूल्हा, वरमाला के फूलों से सजा मंडप, और बीच में शुभम की वो मुस्कुराती आंखें. शुभम के जाने के बाद यही तस्वीरें परिजनों के लिए असहनीय दर्द बन चुकी हैं. जो एल्बम पहले यादें थीं, अब वही ऐशान्या की चुप्पी में बदल चुकी है. ऐशान्या के सामने ही आतंकियों ने धर्म पूछकर शुभम को गोली से उड़ा दिया था।

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी के चचेरे भाई ने बताया था कि भाभी ने भाई के गोली लगने की सूचना दी.चचेरे भाई ने कहा कि भाई और भाभी मैगी खा रहे थे कि तभी अचानक वर्दी में दो लोग उनके पास आए और पूछा क्या तुम मुसलमान हो? अगर हो तो कलमा पढ़ कर सुनाओ, हालांकि जब जवाब सही नहीं मिला तो उनकी हत्या कर दी गई. सरकार को इस घटना का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए. ताकी आतंकी इस तरह की कायराना हरकत न करें और किसी भी हिंदुस्तानी पर गोली चलाने से सोचें।

सीएम योगी ने भी कहा था, ये बर्दाश्त नहीं
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी के परिवार से मिले थे तभी मुख्यमंत्री ने कहा था कि माताओं और बहनों के सामने कोई उनका सिंदूर उजाडे़ ये हम स्वीकार नहीं कर सकते. किसी भी सभ्य समाज में ऐसा नहीं होता खासतौर पर भारत के अंदर तो यह कतई स्वीकार नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि पहलगाम में जो हुआ वह क्रुर, वीभत्स, कायराना कृत्य है.उन्होंने कहा था कि न केवल देश ने बल्कि दुनिया के हर सभ्य समाज ने इसकी निंदा की है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह घटना बताती है कि आतंकवाद खात्मे की ओर है. उन्होंने कहा था कि आतंकवाद अपनी अंतिम सांस ले रहा है. धर्म पूछकर मारा गया ये देश में स्वीकार नहीं किया जाएगा. हम आतंक के ताबूत पर अंतिम कील ठोकेंगे. आतंकियों को कठोर सजा देंगे . सीएम योगी ने कहा था कि हम आतंकियों में वोट बैंक नहीं देखते. हम इनके विषैले फन को कुचले डालेंगे. आतंकवाद किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है.उन्होंने कहा था कि ये डबल इंजन की सरकार है. यहां कोई भी इस तरह की हरकत करके बच नहीं सकता।

भारत की एयर स्ट्राइक में तबाह पाक के 9 ठिकाने
1. बहावलपुर – अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किमी दूर स्थित है, यहां जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, जिसे भारतीय सेनाओं ने ध्वस्त कर दिया है.
2. मुरीदके– ये आतंकी ठिकाना इंटरनेशनल बॉर्डर से 30 किमी दूर स्थित है, यहां लश्कर-ए-तैयबा का शिविर था, जो कि 26/11 मुंबई हमले से जुड़ा था.
3. गुलपुर- ये आतंकी ठिकाना LoC (पुंछ-राजौरी) से 35 किलोमीटर दूर स्थित है.
4. लश्कर कैंप सवाई – ये आतंकी ठिकाना पीओके तंगधार सेक्टर के अंदर 30 किलोमीटर दूर स्थित है.
5. बिलाल कैंप – जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड, ये ठिकाना आतंकियों को सीमा पार भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
6. कोटली – एलओसी से 15 किमी दूर स्थित लश्कर का शिविर. ये 50 से अधिक आतंकियों की क्षमता वाला ठिकाना था.
7. बरनाला कैंप– ये आतंकी ठिकाना LoC से 10 किमी दूर स्थित था.
8. सरजाल कैंप- सांबा-कठुआ के सामने इंटरनेशनल बॉर्डर से 8 किमी दूर स्थित जैश का प्रशिक्षण केंद्र.
9 मेहमूना कैंप (सियालकोट के पास)– ये हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रशिक्षण शिविर था और इंटरनेशनल बॉर्डर से 15 किमी दूरी पर स्थित था

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