युवक महिला मंगल दलों को 5 हजार प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा

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  • सीएम धामी ने युवक एवं महिला मंगल दलों के प्रतिनिधियों से संवाद में की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह थामी ने युवक और महिला मंगल दलों की प्रोत्साहन राशि को चार हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार करने की घोषणा कर दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि मंगल दलों को आत्मनिर्भर बनाने और ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नीति भी तैयार होगी। मुख्यमंत्री ने ये घोषणाएं गुरुवार को प्रदेशभर से आए युवक एवं महिला मंगल दलों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद के दौरान की।

मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित मुख्य सेवक संवाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगल दलों को डिजिटल मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जाएगा। रज्यस्तर पर एक पोर्टल बनाया जाएगा, जिससे प्रत्येक युवा और महिला मंगल दल को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा। सीएम ने सामाजिक सेवा, सांस्कृतिक संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में मंगल दलों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की।

उन्होंने कहा कि मंगल दल उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उनकी प्रदेश को सामाजिक चेतना को मजबूत करने, लोक परंपराओं को संजोने और गांव-गांव में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। आपदाओं के समय मंगल दल ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ की भूमिका निभाते हैं और जनजागरूकता अभियानों में भी आगे रहते हैं।

राज्य सरकार मंगल दलों को सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इस अवसर पर विधायक सुरेश गड़िया, पीएमजीएसवाई राज्यस्तरीय अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव एसएन पांडेय, निदेशक युवा कल्याण प्रशांत आर्य भी उपस्थित रहे।

प्रतिनिधियों के कुछ खास सुझाव:
इस दौरान बागेश्वर की खृष्टि कोरंगा ने कहा कि लोगों को सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा मिल सके इसके लिए ब्लॉक एवं जनपद स्तर पर होने वाली विभिन्‍न बैठकों में मंगल दलों को भी शामिल किया जाना चाहिए। वहीं चंपावत की मोनिका ने कहा कि जनहित में महत्वपूर्ण जानकारियों एवं सूचनाओं के लिए पोर्टल बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा चमोली के सुरजीत सिंह बिष्ट ने कहा कि ग्रामस्तर पर मंगल दलों को डिजिटल प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। जबकि हरिद्वार के मनोज चौहान ने कहा कि योग और फिटनेस को राज्य में अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए। साथ ही उत्तरकाशी के आजाद डिमरी ने भी यहां अपना सुझाव दिया।

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