पिथौरागढ़। उत्तराखंड में इस साल जनवरी में सामान्य से बहुत कम बारिश हुई है। इसका असर फसल के साथ ही जलस्त्रोतों और मानव स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार जनवरी में प्रदेश में बारिश का औसत 42.2 मि्ती है जबकि इस यार महज 5.4 एमएम हो बारिश हुई।
पिथौरागढ़ जनपद में जनवरी में बारिश का औसत 107.7 मिमी है। यहां जनवरी में 51.3 और फरवरी में 56.4 मिमी बारिश होती है। पिछले पांच वर्षों की यदि बात करें तो 2020 में यहां 46 मिमी बारिश हुई। 2021 में 23, 2022 में 27.9 एमएम खारिश हुई। वर्ष 2023 में 1.7, साल 2024 में शून्य और इस साल जनक में महज एक दिन 6.5 मिमी बारिश हुई।
रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान (डिबेर) के वैज्ञानिकों का कहना है कि, वर्षभर को 10 फीसदी बारिश जाड़ों में होती है। इस सीजन में कम बारिश से फसल, वनस्पतियां सीधे तौर पर प्रभावित होंगी। बारिश से भूजल स्तर में भी वृद्धि होती है। बारिश नहीं होने से गर्मियों में पानी का संकट गहराएगा। हिमालयी क्षेत्र में कम बर्फबारी से नदियों का पानी भी कम हो जाएगा। साथ हो गर्मी बढ़ने से जीवाणु जनित रोग भी बढ़ेंगे।
वहीं पिथौरागढ़ के मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी का कहना है कि, बारिश कम होने से फसल की बढ़वार पर सीधा असर पड़ेगा। गेहूं की फसल को पर्याप्त नमी चाहिए होती है।