UPCL News: यूपीसीएल को भारी पड़ी नियम विरुद्ध वसूली

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  • लौटानी होगी रकम
  • उपभोक्ताओं को राहत


उपभोक्ताओं से नियम के विरुद्ध वसूली अधिक रकम यूपीसीएल को भारी पड़ी। विद्युत उपभोक्ता फोरम के दो आदेशों को विद्युत लोकपाल डीपी गैरोला ने नियम के विरुद्ध मानते हुए यूपीसीएल को उपभोक्ताओं से वसूली गई रकम लौटाने के आदेश जारी किए हैं।

क्या है मामला
ज्ञात हो कि हल्द्वानी निवासी उपभोक्ता चंद्रकला नैनवाल ने विद्युत उपभोक्ता शिकायत फोरम में शिकायत दर्ज की। बताया जा रहा है कि उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से पिछले साल जून में 7068 रुपये का बिजली का बिल जमा कराया, जिसे यूपीसीएल ने एडिशनल सिक्योरिटी के तौर में जमा कर लिया।

आदेश को किया खारिज
उन्होंने यह एडिशनल सिक्योरिटी का पैसा लौटाने के लिए विद्युत उपभोक्ता शिकायत फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करवाई।
फोरम ने यूपीसीएल के निर्णय को ही लागू रखते हुए उपभोक्ता की अपील खारिज कर दी। इसके बाद उपभोक्ता नैनवाल ने विद्युत लोकपाल का दरवाजा खटखटाया और अपनी शिकायत दर्ज करवाई। विद्युत लोकपाल डीपी गैरोला ने सभी बिंदुओं को समझने के बाद फोरम के आदेश को खारिज कर दिया।

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सुनवाई में स्पष्ट हो गया कि यूपीसीएल ने सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर 4,548 रुपये अधिक वसूले थे।
जिसके चलते यूपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह उपभोक्ता की यह राशि आने वाले बिल में समायोजित करें।

बताया मीटर धीमा और थमा दिया 15 हजार से ज्यादा का बिल
ज्ञात हो कि यूपीसीएल के इंजीनियरों की दूसरी कारस्तानी भी हल्द्वानी की ही है। उपभोक्ता हरीश सिंह बिष्ट ने विद्युत उपभोक्ता शिकायत फोरम में अपील करते हुए बताया कि पंचशील कालोनी में उनका कनेक्शन है।

पिछले साल सितंबर में ही यूपीसीएल की एक टीम उनके घर आई, और उन्हें बताया कि उनका मीटर धीमा चल रहा है। टीम ने पुराना मीटर उतारकर नया मीटर लगा दिया। इस साल जनवरी में ही यूपीसीएल ने मीटर को धीमा बताकर 15,545 रुपये का बिल उन्हें भेज दिया।

हरीश ने इसके खिलाफ विद्युत उपभोक्ता शिकायत फोरम में अपील की, लेकिन फोरम ने यूपीसीएल के निर्णय को ही सही ठहराते हुए उपभोक्ता को यह रकम तीन माह में किस्तों में जमा कराने के निर्देश दिए।

उपभोक्ता ने पहली किस्त 6,500 रुपये जमा भी करा दिए। इसके बाद हरीश ने इसके खिलाफ विद्युत लोकपाल में अपील की। लोकपाल ने पाया कि यूपीसीएल ने जिस मीटर को धीमा बताया था, उस मीटर की जांच तक भी नहीं की गई थी।

जिसके चलते बिना अध्ययन किए मीटर धीमा बताकर 15,545 का बिल वसूली के फैसले को निरस्त करते हुए विद्युत लोकपाल ने उपभोक्ता शिकायत फोरम का आदेश भी रद्द कर दिया। इसके बाद लोकपाल ने यूपीसीएल को आदेश दिया कि वह तत्काल यह पैसा उपभोक्ता को वापिस लौटाए।

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