Economic Survey: देश की प्रगति में दिखी उत्तराखंड की चमक, सामने आई कामयाबी की झलक
देश की अर्थव्यवस्था की जो उजली तस्वीर दिखाई दे रही है, उसमें उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य की आर्थिक चमक का भी योगदान है। देश की जीडीपी में उत्तराखंड भी औद्योगिक, सेवा और उद्यानिकी व कृषि क्षेत्र में विकास के जरिये अपना योगदान दे रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से यह सुनहरी तस्वीर सामने आई है।
शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश हुई, जिसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 में देश की विकास दर 6.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। उत्तराखंड सरकार ने भी पांच साल में जीडीपी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सेवा क्षेत्र और औद्योगिक क्षेत्र में उत्तराखंड के कदम तेजी से बढ़ रहे हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, मेघालय, उत्तराखंड और मिजोरम का सकल राज्य योजित मूल्य (जीएसवीए) का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा व्यापार, रिपेयर, होटल और रेस्त्रां क्षेत्र से आ रहा है। इसी प्रकार, उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जिनमें औद्योगिक क्षेत्र में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति औद्योगिक जीएसवीए है। इसका मतलब यह है कि राज्य गठन के बाद औद्योगिक क्षेत्र में विस्तार हुआ है। इससे राज्य की जीडीपी ही नहीं, बल्कि देश की जीडीपी में भी इसका योगदान साफ देखने को मिल रहा है। स्पष्ट हो रहा है कि देश की प्रगति में उत्तराखंड का विनिर्माण और औद्योगिक क्षेत्र अहम साबित होने लगा है।
"🏔️📈 Himachal Pradesh shines in leveraging its industrial sector, joining the top 3 states in GSVA alongside Gujarat and Uttarakhand. Economic Survey 2024-25 highlights its success despite geographical constraints. 🌟💪 #EconomicSurvey #HimachalPradesh #IndustrialGrowth pic.twitter.com/9x9KtQDFEx
— DR KAMLESH KALI (@KaliKamlesh) February 1, 2025
खाद्यान्न भंडारण के लिए उत्तराखंड में मोबाइल स्टोरेज यूनिट
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में खाद्यान्न भंडारण पर भी जोर दिया गया है। सरकार विशेष रूप से पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों में खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के सहयोग से मोबाइल स्टोरेज यूनिट (एमएसयू) के उपयोग की संभावना तलाश रही है। इन इकाइयों को जल्द स्थापित किया जा सकता है और भंडारण क्षमता 400 मीट्रिक टन है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विश्व खाद्य कार्यक्रम ने छह राज्यों जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में स्थापित की जाएंगी।
Economic Survey 2024-25 was presented in the Parliament today. Some of highlights of the survey 👇:
Steady growth in FY25 despite global uncertainties, with consumption and recovering investment driving growth close to decadal averages.#HighlightsOfEconomicSurvey2025… pic.twitter.com/HUZCgtJSgK
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) January 31, 2025
उत्तराखंड की कृषि राष्ट्रीय औसत से अधिक टिकाऊ
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में उत्तराखंड की कृषि को लेकर भी काफी अच्छे संकेत सामने आए हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने पर्यावरणीय स्वास्थ्य, मिट्टी, पानी की गुणवत्ता और सामाजिक-आर्थिक विकास से संबंधित 51 संकेतकों का उपयोग कर कृषि के टिकाऊ होने का एक समग्र सूचकांक जारी किया है। इस सूचकांक का औसत अनुमानित मूल्यांक 0.49 है, जो दर्शाता है कि भारतीय कृषि मध्यम रूप से टिकाऊ है। लेकिन मिजोरम, केरल, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड जैसे राज्यों का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।