Uttarakhand: पर्वतीय क्षेत्रों के लिए ट्राउट प्रोत्साहन योजना को कैबिनेट की मंजूरी

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  • 200 करोड़ से मिलेगा बढ़ावा

cm dhami held a meeting regarding law and order

देवभूमि उत्तराखंड में पर्वतीय क्षेत्रों के लिए ट्राउट प्रोत्साहन योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। 200 करोड़ की इस योजना से ट्राउट मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। राज्य के पर्वतीय जनपदों में विभिन्न मत्स्य प्रजातियों की तुलना में ट्राउट मत्स्य अधिक वृद्धि दर वाली मछली है, इसे पालने वाले मत्स्य पालकों की आजीविका बेहतर रूप से चल रही है। कैबिनेट में आए प्रस्ताव में कहा गया कि ट्राउट फार्मिंग देश में हिमालयी राज्यों तक ही सीमित है।

ट्राउट मछली के स्वास्थ्य, पोषण लाभ अन्य मछलियों की तुलना में अधिक होने के कारण यह अत्यधिक लाभदायक व्यवसाय है। राज्य में उपलब्ध प्राकृतिक जलसंसाधन ट्राउट मात्स्यिकी विकास के लिए अपेक्षित सहयोग प्रदान करते हैं, जिसे देखते हुए ट्राउट फार्मिंग के सतत विकास के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने और ट्राउट मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 200 करोड़ की योजना शुरू किए जाने की घोषणा की थी।

ट्राउट हैचरियां भी स्थापित की जाएगी

सीएम की घोषणा पर ट्राउट फार्मिंग के सतत विकास के लिए ट्राउट प्रोत्साहन योजना तैयार की गई है जिसके तहत एकीकृत रेसवेज यूनिटों के निर्माण के साथ कार्यरत मत्स्य पालकों को पांच वर्षीय इनपुट सपोर्ट उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के तहत मत्स्य बीज की मांग को पूरा करने के लिए ट्राउट हैचरियां भी स्थापित की जाएगी।

मछलियों के विपणन के लिए मत्स्य पालकों को आवश्यक उपकरण, डीप फ्रीजर, आईस बॉक्स, पलेक आईस मशीन उपलब्ध कराया जाएगा। योजना का वित्तपोषण केंद्र सरकार के कार्यक्रम एफआईडीएफ से किया जाएगा।

इस योजना के संचालन से राज्य में लगभग 600 मीट्रिक टन ट्राउट का उत्पादन बढे़गा जबकि प्रतिवर्ष 75 लाख मत्स्य बीज उत्पादन किया जाएगा। योजना से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 1800 से अधिक व्यक्तियों को लाभ मिलेगा। बताया गया कि योजना राज्य को ट्राउट डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाने में भी कारगर साबित होगी।

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