CM Dhami on Action: जनशिकायतों का निवारण न करने वाले अफसर नपेंगे
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समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री धामी हुए नाराज
देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम हेल्पलाइन 1905 में आने वाली शिकायतों का निवारण न करने वाले अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लापरवाह अफसरों को नोटिस जारी करके सख्त कार्रवाई की जाए।
दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से जुड़े सीएम धामी ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 में समय पर समस्याओं का निवारण न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। जिन अधिकारियों के स्तर पर अधिक शिकायतें लंबित हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। लापरवाही बरते जाने की स्थिति में सख्त कार्रवाई भी की जाए।
जनसेवा सर्वोपरि..!
प्रदेश की देवतुल्य जनता की हर समस्या के समाधान के लिए सदैव समर्पित आपका मुख्यसेवक ! pic.twitter.com/asS1qBYafx
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 19, 2025
सभी विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि कार्मिकों की सेवानिवृत्ति के बाद एक माह के भीतर उनके सभी देयकों का भुगतान हो जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री ने बुधवार को नई दिल्ली से सीएम हेल्पलाइन 1905 की वर्चुअल समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जन मानस की है।
जन समस्याओं का त्वरित समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव एल फैनई, आर मीनाक्षी सुदंरम, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव, विभागाध्यक्ष, वर्चुअल माध्यम से उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहिला, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, अजय मिश्रा व प्रदेश के समस्त डीएम शामिल हुए।
सबसे ज्यादा लापरवाह: राजस्व, शिक्षा, वन विभाग के अफसर
राजस्व विभाग, वन विभाग और शिक्षा विभाग में जन शिकायतों के समाधान में हो रही लेट लतीफी पर मुख्यमंत्री धामी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि अधिक समय तक लंबित प्रकरणों के मामले में संबंधित अधिकारियों का स्पष्टीकरण लिया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राजस्व विभाग से संबंधित सभी मामलों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
जिन क्षेत्रों में अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, उसका कारण जानने के साथ ही उचित समाधान के लिए आगे की योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सभी सुनिश्चित करें कि जिन समस्याओं का समाधान जिस स्तर पर हो सकता हैं, वहीं समाधान किया जाए।