बजट सत्र: विपक्ष की नोक-झोंक को सीएम ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

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  • कहा-ऐसा आचरण हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं

देवभूमि उत्तराखंड में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों के आचरण और नोक-झोंक को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा आचरण हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। सदन में महिला विधायक भी हैं और पूरे राज्य की नजर सदन की कार्यवाही पर होती है।

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सदन में विपक्ष के रवैये को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि सदन की गरिमा है। पक्ष-विपक्ष मिलकर सदन चलाते हैं। यह पक्ष-विपक्ष की जिम्मेदारी है कि सदन ठीक से चले। विपक्ष पर तंज कर कहा कि एक तरफ आप कहते हैं कि सदन की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए। वहीं, सदन की जो अवधि रखी गई उसमें भी आप चर्चा नहीं करते हैं। जो समय राज्य के विकास के लिए चर्चा में लगाया जाना चाहिए, उसे हो-हल्ला करके नष्ट करते हैं। राज्य के संसाधन खराब करते हैं।

जनभावना के अनुरूप हर संकल्प पूरा करेंगे
विधानसभा सत्र के दौरान भू-कानून लाए जाने को लेकर बने संशय से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भाजपा की सरकार वे सभी कार्य करेगी, जो जनभावना के अनुरूप होंगे। चाहे वह भू-कानून हो या कोई अन्य कानून या संकल्प।

राज्यपाल का अभिभाषण हमारी सरकार का रोडमैप
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत हुई। राज्यपाल का अभिभाषण हमारी सरकार का रोडमैप है। उसको आगे प्राथमिकता में रखेंगे। यह उत्तराखंड राज्य की स्थापना का 25वां वर्ष है। रजत जयंती वर्ष में सरकार नवाचारों को लेकर आगे बढ़ेगी। हमारी विकास यात्रा को अनवरत रूप से चलाने के लिए बजट में प्रावधान किए जाएंगे।
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अभिभाषण में उल्लेख किए गए सभी बिंदुओं को हमारी सरकार पूरा करेगी। प्रधानमंत्री ने बाबा केदार की भूमि से यह उद्घोष किया था कि सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा, उसे साकार करने के लिए हमारी सरकार जी-जान से काम करेगी। विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए उत्तराखंड राज्य भी अपना योगदान देगा।

अन्य राज्यों के लिए उत्तराखंड एक आदर्श
मुख्यमंत्री ने कहा, उत्तराखंड हर दृष्टि से आगे बढ़ रहा है। राष्ट्रीय खेलों का आयोजन राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखंड देश की आजादी के बाद ऐसे राज्य के रूप में स्थापित हुआ जहां सभी लोगों के लिए एक समान कानून लागू हुआ है। नीति आयोग के सतत विकास के सूचकांक में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर रहा। राज्य को बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत लाने में कामयाबी मिली। अन्य राज्यों के लिए उत्तराखंड एक आदर्श के रूप में स्थापित हो चुका है। उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाना हमारा संकल्प है।

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