ED की उत्तराखंड में सबसे बड़ी कार्रवाई! 678 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क
उत्तराखंड से जुड़े मामलों में ईडी (ED) की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई सामने आई है। इसके तहत देहरादून में गौतम थापर के कब्जे वाली पछवा दून परगना स्थित गुनियाल गांव की 18 एकड़ भूमि को कुर्क कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने एक बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के तहत अवंता समूह की 678 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है। हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में स्थित इन संपत्तियों को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क किया गया है। ये संपत्तियां अवंता समूह की विभिन्न कंपनियों की हैं, जिनका स्वामित्व व्यवसायी गौतम थापर के पास है। वर्षों की जांच और कानूनी कार्यवाही के बाद आखिरकार ईडी ने अवंता समूह की प्रमुख संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इसमें महंगी अचल संपत्तियां, बैंक खाते और निवेश शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 678 करोड़ रुपये आंकी गई है।
देहरादून में 18 एकड़ भूमि कुर्क
देहरादून के पछवा दून परगना में गुनियाल गांव स्थित गौतम थापर की 18 एकड़ भूमि पर ईडी ने कुर्की की कार्रवाई की है। यह कार्रवाई 2019 से चल रही जांच का हिस्सा है, जिसमें सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड ने अपनी वित्तीय स्थिति के संभावित प्रभावों के बारे में स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया था। इस मामले में गौतम थापर को 2021 में गिरफ्तार किया गया था और जनवरी 2024 में कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक माधव आचार्य को भी गिरफ्तार किया गया। अब इस मामले की आगे की जांच और कानूनी कार्यवाही संबंधित एजेंसियों और न्यायालयों की निगरानी में की जाएगी।
कौन हैं …?
गौतम थापर अवंता ग्रुप के प्रमोटर और सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस के पूर्व अध्यक्ष हैं। उन्होंने देहरादून के दून स्कूल से अपनी शिक्षा प्राप्त की और दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक किया। बाद में, उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रैट इंस्टीट्यूट में केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली।
गौतम थापर ने समूह के अध्यक्ष बनकर अवंता ग्रुप को एक विशाल कंपनी में बदलने और इसका नाम बदलकर अवंता रख दिया। उन्होंने प्रोफेशनल लाइफ में प्रगति के साथ-साथ कंपनी के रणनीतिक पुनरुद्धार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, उनका नाम विवादों से भी जुड़ा रहा।