कानून व्यवस्था चुस्त, दुरुस्त बनाने के लिए CM ने अधिकारियों को दिए निर्देश

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  • अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण करने की बात भी कही
  • मुख्यमंत्री आवास में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था की गहनता से समीक्षा

देवभूमि उत्तराखंड की कानून व्यवस्था को चुस्त, दुरुस्त बनाने और अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सीएम धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं। दरअसल मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में शासन के उच्चाधिकारियों व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक सहित आयुक्तों, उपपुलिस महानिरीक्षकों, जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था की गहनता से समीक्षा की। यहां मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुस्त, दुरुस्त बनाने के साथ ही अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के सख्त निर्देश दिये।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ज्वेलरी दुकानों पर डकैती सहित अन्य अपराधों के प्रति नाराजगी व्यक्त की। साथ ही अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिये अधिकारियों के आपसी समन्वय, सूचनाओं के त्वरित संप्रेषण, इंटेलिजेंस व्यवस्था को प्रभावी बनाये जाने सहित रात्रि पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने पर ध्यान देने की बात कही है।

इस दौरान सीएम धामी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को किसी भी आपराधिक घटना के समय पर ब्रिफिंग किये जाने के निर्देश दिए व इसकी जानकारी सूचना महानिदेशक को भी तुरंत उपलब्ध कराये जाने को कहा, ताकि घटनाओं की वास्तविक स्थिति मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचे।

उन्होंने मीडिया से भी निरन्तर समन्वय बनाये रखने को कहा। उन्होंने महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर नियंत्रण के लिये गौरा शक्ति एप को और अधिक सक्रिय बनाये जाने पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण, लव जिहाद आदि मामलों में कानून होने के बावजूद इस पर रोक न लगना चिन्ता का विषय है, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने प्रदेश में अपराध कहां बढ रहे हैं और क्यों बढ रहे हैं इस पर भी चिन्तन की जरूरत बताई। डेमोग्राफिक चेंज की समस्या के समाधान के लिये भी संबंधित सभी एजेंसियों के मध्य समन्वय पर ध्यान देने के निर्देश भी उन्होंने दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड बाहरी प्रदेशों के अपराधियों की शरणगाह न बनें इसके लिये सीमावर्ती क्षेत्रों में निरन्तर सघन चेकिंग अभियान संचालित किया जाय। अपराधियों के मन में पुलिस का भय तथा आमजन का पुलिस के प्रति भरोंसा बढे यह सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने किरायेदारों तथा बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन पर भी ध्यान देने के निर्देश देते हुए मदरसों व अन्य शिक्षण संस्थाओं में पढ रहे बच्चे राज्य के नागरिक कैसे बनाये जा रहे हैं, इस पर भी ध्यान देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में हुए ज्वैलरी दुकान डकैती के प्रकरण में एसपी सिटी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस प्रकरण में जो भी जिम्मेदार होगा उसके विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने उत्तराखण्ड को 2025 तक नशा मुक्त प्रदेश बनाने के लिये भी प्रयासरत रहने तथा सामुदायिक पुलिसिंग पर ध्यान देने पर बल दिया। प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण के लिये क्या बेहतर किया जा सकता है इस पर भी चिन्तन किये जाने की जरूरत मुख्यमंत्री ने बतायी। शिकायतों के त्वरित निस्तारण तथा अधीनस्थों के साथ अधिकारियों का सरल व्यवहार व क्षेत्रवाद की भावना से दूर रहने पर भी उन्होंने बल दिया।

साइबर क्राईम पर प्रभावी रोकथाम के लिये जन जागरूकता व प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूडी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशू, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, एडीजी एपी अंशुमन, आईजी केएस नगन्याल, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव निवेदिता कुकरेती, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार सहित आयुक्त कुमांऊ व सभी जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आदि मौजूद रहे।

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