आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किया जल ग्रहण, 4 महीने 11 दिन बाद पिया पानी

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चंडीगढ़, बीते 4 महीनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जल ग्रहण किया है। इसके साथ ही उन्होंने बीते 4 महीने 11 दिनों से चले आ रहे अनशन को समाप्त कर दिया। उनका अनशन खत्म कराने के लिए अदालत ने भी आदेश दिया था और उन्हें राजी करने के लिए एक टीम भी गठित की थी।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने तोड़ा अनशन, 4 महीने 11 दिन बाद पिया पानी

बीते 4 महीनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जल ग्रहण किया है। इसके साथ ही उन्होंने बीते 4 महीने 11 दिनों से चले आ रहे अनशन को समाप्त कर दिया। उनका अनशन खत्म कराने के लिए अदालत ने भी आदेश दिया था और उन्हें राजी करने के लिए एक टीम भी गठित की थी। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी है। आज सुबह ही जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जल ग्रहण किया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन.के. सिंह की बेंच को पंजाब सरकार की ओर से एजी गुरमिंदर सिंह ने बताया कि खनौरी और शंभू बॉर्डर से किसानों को हटा दिया गया है। इसके साथ ही उन सभी हाईवेज और सड़कों को खोल दिया गया है, जो किसानों के प्रदर्शन के चलते जाम थे।

यही नहीं बेंच ने डल्लेवाल की तारीफ भी की। जजों ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल एक अच्छे किसान नेता हैं और उनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं रहा है। बेंच ने कहा कि हम जानते हैं कि कुछ लोग किसानों के मसलों को हल नहीं करना चाहते। हम यहां ऐसे ही नहीं बैठे हैं। हमें पूरी स्थिति की जानकारी है। इसके साथ ही अदालत ने पूर्व हाई कोर्ट जज के नेतृत्व में बनी तीन सदस्यीय समिति को आदेश दिया कि वह स्टेटस रिपोर्ट सौंपे। समिति बताए कि आखिर किसानों की मांगों को लेकर अब तक क्या प्रगति हुई है। बेंच ने पंजाब सरकार के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही को भी समाप्त कर दिया।

पंजाब सरकार के अधिकारियों को भी SC से मिली राहत

जगजीत सिंह डल्लेवाल को मेडिकल सुविधा प्रदान करने के आदेश की अनुपालना न कर पाने को लेकर यह कार्यवाही शुरू गई थी। बता दें कि 19 मार्च को केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और पंजाब सरकार के लोगों के साथ किसानों की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग से निकलने के बाद कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद खनौरी और शंभू बॉर्डर पर फोर्स को भेजा गया था और वहां धरना दे रहे किसानों को हटा दिया गया था। इस तरह एक साल से भी ज्यादा वक्त के बाद पंजाब सरकार ने किसानों को हटाने में सफलता पाई थी। किसानों के धरनास्थलों से हटने के बाद हरियाणा की ओर से लगी बैरिकेडिंग को भी हटा दिया गया और अब लोगों की आवाजाही सुगम हो गई है।

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