अमेरिका हमें शर्मिंदा न करे, नेतन्याहू ने ट्रंप से क्यों मांगी मदद?

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नई दिल्‍ली, गाजा पर भीषण हमलों के बीच अमेरिका में कुछ ऐसा हो रहा है, जिस पर इजरायल को ट्रंप प्रशासन से विनती करनी पड़ी कि ऐसा मत दीजिए, वरना दुनिया के सामने हमें शर्मिंदा होना पड़ेगा।

हमें शर्मिंदा मत कीजिए अमेरिका, नेतन्याहू को ट्रंप से क्यों करनी पड़ी ऐसी अपील

गाजा पर हमास और इजरायल के बीच सीजफायर को लेकर फिर ठन गई है। इजरायल ने हमास पर उसकी शर्तों को न मानने का आरोप लगाते हुए गाजावासियों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। दो दिन में 92 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में महिलाओं और बच्चों की तादाद ज्यादा है। गाजा पर भारी बमवर्षा के बीच इजरायल ने अमेरिकी अधिकारियों से अनुरोध करते हुए कहा कि कृपया हमें दुनिया के सामने शर्मिंदा मत कीजिए। मामला 7 अक्टूबर 2023 को इजरायली जमीन पर हमास के नरसंहार से जुड़ा है, हमास के उस हमले में कम से कम 1200 लोगों की जान चली गई थी। जिसके जवाब में इजरायल गाजा में 51 हजार से ज्यादा लाशें बिछा चुका है।
इजरायल के कानून प्रवर्तन विभाग ने अमेरिकी अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे 7 अक्टूबर 2023 के हमले में शामिल फिलिस्तीनी आतंकियों पर इजरायल से पहले आरोप-पत्र दायर न करें, क्योंकि इससे यहूदी राष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “शर्मिंदगी” उठानी पड़ सकती है। यह जानकारी इजरायली मीडिया पोर्टल Ynet की रिपोर्ट में सामने आई है।

अमेरिका जारी करने वाला है चार्जशीट

अमेरिकी एजेंसियां इस हमले की अपनी जांच को अंतिम चरण में ले आई हैं और वहां की कानूनी प्रणाली के चलते आरोप दायर करना आसान है। यही कारण है कि अमेरिका जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर सकता है, जो इज़रायल के लिए कूटनीतिक संकट का कारण बन सकता है।
22 आतंकियों पर इज़रायल की मेगा चार्जशीट

Ynet के अनुसार, किबुत्ज़ नीर ओज़ में हुए नरसंहार में शामिल 22 आतंकियों के खिलाफ इज़रायली अभियोजन पक्ष ने चार्जशीट तैयार कर ली है। हालांकि इसे अभी दायर नहीं किया गया है, क्योंकि सरकार की योजना है कि सैकड़ों आरोपियों पर एक साथ मेगा-ट्रायल चलाया जाए — जो कि इजरायल के इतिहास में अपनी तरह का पहला और सबसे बड़ा मामला होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के पास इस हमले में सीधे या परोक्ष रूप से शामिल 300 फिलिस्तीनी कैदी हैं। ये सभी संभावित बंधक सौदों में रिहा नहीं किए जाएंगे। इनमें कई ऐसे भी हैं जिन्होंने हमले में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन गाज़ा में बंधकों को कैद करने में शामिल रहे हैं। अभी यह तय नहीं है कि इन पर एक ही ट्रायल में मुकदमा चलेगा या नहीं।
यह पूरा मामला कानूनी रूप से बेहद जटिल है। इजरायली पुलिस की स्पेशल क्राइम यूनिट Lahav 433, शिन बेट और आईडीएफ की मिलिट्री इंटेलिजेंस मिलकर इस जांच में सहयोग कर रहे हैं। अब तक 1700 पीड़ितों और 400 सुरक्षा अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए हैं।

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