Vinod Kambli Health: विनोद कांबली की फिर बिगड़ी तबीयत, अस्पताल की तस्वीर आई सामने
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नई दिल्ली । भारत के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें थाणे के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। हालांकि, जब उन्हें भर्ती कराया गया था तो उनकी हालत बेहद खराब बताई जा रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांबली को शनिवार को ही अस्तपाल में भर्ती कराया गया था। उन्हें डॉक्टर ने कड़ी निगरानी में रखा है।
काफी लंबे समय से स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे कांबली
विनोद कांबली एक दशक से अधिक समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। न सिर्फ स्वास्थ्य को लेकर बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। कांबली ने स्वीकार किया था कि उनकी वित्तीय स्थिति गड़बड़ है। स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहे कांबली की आय का एकमात्र स्रोत बीसीसीआई की पेंशन है, जो प्रति माह 30,000 रुपये है। इस बात का खुलासा उन्होंने 2022 में खुद किया था। दो बच्चों की देखभाल करने के लिए कांबली 15वीं बार रिहैब में जाने को भी तैयार थे। कांबली पहले भी 14 बार रिहैब में जा चुके हैं, लेकिन तब कुछ सुधार नहीं हुआ था।
2013 में दो बार दिल का दौरा पड़ चुका
शराब की लत की वजह से उनकी तबीयत काफी खराब हुई थी। कांबली ने इस साल की शुरुआत में एक इंटरव्यू में कई खुलासा किए थे। उन्हें 2013 में दो बार दिल का दौरा पड़ा था। साथ ही वह एक गंभीर संक्रमण से भी जूझ रहे थे। कांबली ने सचिन से वित्तीय मदद का भी खुलासा किया था। कांबली ने कहा, ‘मुझे दो दिल के दौरे पड़े थे। मेरी पत्नी मुझे लीलावती अस्पताल ले गई और फिर सचिन ने मेरी मदद की थी। उन्होंने 2013 में मेरी दो सर्जरी के लिए भुगतान किया।’
सचिन को लेकर क्या बोले थे कांबली
उन्होंने कहा, ‘एक समय था जब मुझे लगता था कि सचिन ने मेरी मदद नहीं की, लेकिन मैं निराश था। सच्चाई यह है कि उन्होंने मेरे लिए सब कुछ किया है। हमारा बचपन का रिश्ता हमेशा मजबूत रहा है। मेरी पत्नी एंड्रिया और बच्चे, यीशु और जोहाना, मेरे सबसे मजबूत स्तंभ रहे हैं। वे मेरे साथ खड़े रहे और सुनिश्चित किया कि मुझे वह देखभाल मिले जिसकी मुझे जरूरत है। मैं रिहैब में जाने के लिए तैयार हूं। मैं अपने परिवार के लिए बेहतर होना चाहता हूं।’
कुछ हफ्ते पहले सुर्खियों में आए कांबली
कांबली करीब कुछ हफ्ते पहले उस समय सुर्खियों में आए थे जब रमाकांत आचरेकर के स्मारक के अनावरण के दौरान उनका एक वीडियो सामने आया था। कांबली संघर्ष करते दिख रहे थे। उनकी हरकतों से उनके स्वास्थ्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। इस वीडियो के सामने आने के बाद 48 घंटों से भी कम समय में भारतीय क्रिकेट बिरादरी कांबली की मदद के लिए एक साथ आई। गावस्कर से लेकर कपिल देव तक ने मदद की पेशकश की थी। 1983 विश्व विजेता भारतीय टीम ने एक साथ कांबली की मदद की बात कही थी और साथ ही वित्तीय सहायता देने की भी बात कही थी।
मौजूदा स्थिति को लेकर क्या बोले कांबली
कांबली से इंटरव्यू में उनकी मौजूदा वित्तीय स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘बहुत बुरी स्थिति है।’ कांबली ने विक्की लालवानी के यूट्यूब चैनल पर बोला, ‘लेकिन जिस तरह से मेरी पत्नी ने सबकुछ संभाला, उन्हें सलाम है। सुनील गावस्कर ने सबसे पहले कपिल देव की पेशकश पर प्रतिक्रिया दी थी। निश्चित रूप से मुझे कोई हिचकिचाहट नहीं है रिहैब में जाने से, क्योंकि जब तक मेरे साथ मेरा परिवार है, मैं किसी भी चीज से नहीं डरता हूं। मैं इसे पूरा करूंगा और वापस आऊंगा।’
अत्यधिक शराब पीने से हालत बिगड़ी
कांबली ने यह भी स्वीकार किया था कि अत्यधिक शराब पीने से उन्हें परेशानी हुई, लेकिन उन्होंने बताया कि उन्होंने हाल ही में शराब की एक बूंद का भी सेवन नहीं किया है। कांबली के दोस्त और पूर्व प्रथम श्रेणी अंपायर मार्कस काउटो ने भी इसकी पुष्टि की थी। कांबली ने कहा, ‘नहीं, नहीं। मैंने छह महीने पहले शराब पीना और धूम्रपान करना बंद कर दिया था। अपने बच्चों की खातिर ऐसा किया। मैं पहले ऐसा करता था, लेकिन अब मैंने इसे पीछे छोड़ दिया है।’
गावस्कर ने कांबली को लेकर क्या कहा था?
गावस्कर ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि 1983 की विश्व विजेता टीम हमारे युवा खिलाड़ियों के प्रति बहुत सचेत है। वे हमारे बेटे की तरह हैं। हम अपने क्रिकेटरों के बारे में बहुत चिंतित हैं, खासकर जब भाग्य उनका साथ छोड़ देता है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि यहां मदद करना शब्द सही रहेगा। ’83 की टीम कांबली की देखभाल करना चाहती है और उन्हें अपने पैरों पर वापस खड़े होने में मदद करना चाहती है। हम इसे कैसे करेंगे, यह हम निकट भविष्य में देखेंगे। हम कांबली समेत उन क्रिकेटरों की देखभाल करना चाहते हैं, जिन पर भाग्य कभी-कभी कठोर हो जाता है। ’83 की टीम यही करना चाहती है।’
कांबली का करियर
कांबली ने 1993 से 2000 के बीच भारत के लिए 17 टेस्ट और 104 वनडे खेले। वह 1000 टेस्ट रन बनाने वाले सबसे तेज भारतीय बल्लेबाज हैं। यह एक ऐसा रिकॉर्ड जो आज तक कायम है। 1991 में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने के बाद भारत के लिए 104 वनडे और 17 टेस्ट खेलने के बावजूद कांबली का अंतरराष्ट्रीय करियर एक दशक भी नहीं चल सका। कांबली ने 17 टेस्ट में 54.20 की औसत से 1084 रन बनाए थे। इनमें चार शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा 104 वनडे में उन्होंने 32.59 की औसत से 2477 रन बनाए। इनमें दो शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा 129 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 59.67 की औसत से 9965 रन बनाए। इनमें 35 शतक और 44 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा 221 लिस्ट-ए मैचों में कांबली ने 41.24 की औसत से 6476 रन बनाए। इनमें 11 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं।