UP bypolls 2024: सपा के एक ऐलान से गरमा गई यूपी की सियासत, जाने कब-कब क्या-क्या हुआ

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  • यूपी में भाजपा के गढ़ में अकेले लड़ने से बेहतर कांग्रेस ने चुनी ‘कुर्बानी’, सपा को दिया समर्थन

UP Bypoll Election 2024: उत्तरप्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर 2024 को उपचुनाव होना है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन के बाद सपा ने अपनी पार्टी में बढ़े जोश के चलते अकेले विधानसभा सीटों पर उतरने की बुधवार आधी रात घोषणा कर दी, जिसके चलते गुरुवार के दिन यूपी का सियासी पारा हाई हो गया। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी बहुजन समाज पार्टी ने भी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। वहीं कांग्रेस को त्रिकोणीय मुकाबले से बाहर रहने और ‘इंडिया’ गठबंधन का समर्थन करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

इसके तहत कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट होकर उपचुनाव में उतरेगा। इसके बाद सपा ने दो बची सीटें गाजियाबाद और अलीगढ़ में खैर के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इससे पहले तक सपा ने यहां कांग्रेस को समायोजित करने के लिए उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया था।

इस पूरे मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय ने कहा, ‘हम चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन उपचुनाव में सपा का समर्थन करेंगे। ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट है।’ वहीं उन्होंने उन खबरों का खंडन भी किया कि रणनीति के तहत कांग्रेस उम्मीदवार सपा के चुनाव चिह्न पर कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। राय ने कहा, ‘यह बिल्कुल भी सच नहीं है। कांग्रेस ये चुनाव नहीं लड़ रही है, लेकिन सपा का समर्थन करेगी, जिसके उम्मीदवार सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।’

कांग्रेस ने क्‍यों छोड़ी सीटें

: कांग्रेस चाहती थी कि इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी के तौर पर यूपी में उसे पांच सीट मिल जाए। अखिलेश ने सिर्फ दो ऐसी सीट देने का प्रस्ताव दिया, जहां कांग्रेस का जीतना कठिन था।

: सपा ने फूलपुर सीट कांग्रेस को देने का संकेत देकर मुज्तबा सिद्दीकी से पर्चा दाखिल करवा दिया। ऐसे में फैसला बदलता तो देशभर के अल्पसंख्यकों में गलत संदेश जाता।

: यूपी में सीटें छोड़ कांग्रेस ने संदेश दिया कि भाजपा को हराने के लिए त्याग करना पड़ेगा। अब महाराष्ट्र में सपा को कम सीटों पर मना सकेंगे। वह 12 सीट मांग रही है।

ऐसे समझें भाजपा का प्लान
वहीं बीजेपी ने मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट अपने सहयोगी रालोद के लिए छोड़ दी। उसने पूर्व विधायक मिथिलेश पाल (ओबीसी) को मैदान में उतारा। ज्ञात हो कि 2022 के चुनावों में रालोद ने यह सीट जीती थी। भाजपा ने शेष सभी आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए, जो उसके अन्य सहयोगी निषाद पार्टी के लिए एक जबरदस्त धक्का है। निषाद पार्टी ने दो सीटों मिर्जापुर में मझवां और आंबेडकरनगर में कटेहरी पर दावा किया था। ये वे सीटें थीं, जिन पर निषाद पार्टी ने 2022 के चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था और मझवां में जीत हासिल की थी, जबकि कटेहरी में वह हार गई थी।

वहीं निषाद पार्टी के मैदान में न होने से मझवां में भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य (ओबीसी) का मुकाबला समाजवादी पार्टी के डॉ. ज्योति बिंद और बसपा के दीपक तिवारी से होगा, जबकि कटेहरी में भाजपा के धर्मराज निषाद, शोभावती वर्मा (सपा) और अमित वर्मा (सभी ओबीसी) के बीच मुकाबला होगा।

कहीं नाराज तो नहीं निषाद पार्टी ?
इस पूरे मामले पर एक भाजपा नेता ने बताया कि धर्मराज निषाद बसपा से तीन बार विधायक रहे हैं। वह 2022 के चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। ऐसे में UP सरकार में मंत्री एवं निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने शुक्रवार को पार्टी की कोर-कमेटी की बैठक बुलाई है।

सपा की एक और लिस्ट जारी
समाजवादी पार्टी ने पहले सात उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे। करहल से तेज प्रताप यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, कटेहरी से शोभावती वर्मा, मझवां से ज्योदी बिंद, मीरापुर से सुम्बुल राणा और कुंदरकी से मोहम्मद रिजवान।

पार्टी ने गुरुवार को दो और उम्मीदवारों के नाम घोषित किए। इनमें सिंह राज जाटव (गाजियाबाद) और चारू कैन (खैर) शामिल हैं।

भाजपा की लिस्ट में कौन-कौन
भाजपा की सूची में कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर (सुरक्षित) से सुरेंद्र दिलेर और करहल से अनुजेश यादव, फूलपुर सीट से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद, मझवां से सुचिस्मिता मौर्य और सीसामऊ सीट से सुरेश अवस्थी शामिल हैं। वहीं रालोद ने मीरापुर से मिथिलेश पाल को गठबंधन प्रत्याशी बनाया है।

बसपा की सूची में अमित वर्मा (कटेहरी), जितेंद्र कुमार सिंह (फूलपुर), शाहनजर (मीरापुर), वीरेंद्र कुमार शुक्ला (सीसामऊ), अवनीश कुमार शाक्य (करहल), रफत उल्लाह (कुंदरकी), परमानंद गर्ग (गाजियाबाद), दीपक तिवारी (मझवां) शामिल हैं। यूपी बसपा प्रमुख विश्वनाथ पाल ने कहा, ‘बसपा ने हमेशा ‘जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ के सिद्धांत का पालन किया है और आज की सूची भी उसी सिद्धांत का पालन करती है।’ बसपा ने अब तक अलीगढ़ जिले की खैर (एससी) सीट पर अपने नौवें उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है।

करहल : अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर
करहल 1993 से सपा का गढ़ माना जाता है। इस पर मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप यादव और अनुजेश यादव के बीच आमना-सामना होगा। ऐसे में यहां अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर होगी।

2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा किया था, जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद और खैर पर जीत दर्ज की थी। वहीं, रालोद ने मीरापुर सीट जीती थी और निषाद पार्टी मझवां सीट पर जीत दर्ज की थी।

23 नवंबर को आएंगे परिणाम
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव आगामी 13 नवंबर को होगा और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इनमें से सीसामऊ को छोड़कर बाकी सीटों से विधायकों ने लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। सीसामऊ सीट से विधायक रहे इरफान सोलंकी एक आपराधिक मामले में सजा सुनाए जाने के कारण विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो गए हैं।

इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सभी नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सपा के चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ पर इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के उम्मीदवार उतारने का बुधवार रात को ऐलान किया था।

उन्होंने इसके बाद बृहस्पतिवार को कांग्रेस के साथ एकजुटता दिखाने के लिए हुए सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के साथ अपनी एक तस्वीर साझा की और कहा कि दोनों दलों ने संविधान, आरक्षण और सौहार्द को बचाने का संकल्प लिया है। यादव ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘हमने ये ठाना है, संविधान, आरक्षण, सौहार्द बचाना है. बापू – बाबासाहेब – लोहिया के सपनों का देश बनाना है।’

सपा प्रमुख ने लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की है जिसमें दोनों नेता एक – दूसरे का हाथ उठाए एकजुटता प्रदर्शित कर रहे हैं। यादव ने बुधवार को ‘एक्स’ पर कहा था, ‘बात सीट की नहीं जीत की हैं। इस रणनीति के तहत इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी सभी नौ सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे।’

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