PAK में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कश्मीर पर दिया बयान, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

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नई दिल्ली । भारत(India) ने शुक्रवार को तुर्की के राष्ट्रपति(President of Türkiye) रेसेप तैयप एर्दोगन(President Recep Tayyip Erdogan) के कश्मीर मुद्दे पर बयान (Statement on Kashmir issue)देने पर कड़ी आपत्ति जताई है। कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के हिसाब से सुलझाने की एर्दोगन की टिप्पणी पर भारत ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा है कि तुर्की को पहले पाकिस्तान में चल रहे आतंकवाद पर ध्यान देने की जरूरत है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह टिप्पणी पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इस मामले पर तुर्की के राजदूत के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है।

बता दें कि बीते सप्ताह तुर्की के राष्ट्रपति पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ मुलाकात के लिए इस्लामाबाद पहुंचे थे। शहबाज से मुलाकात के बाद एर्दोगन कश्मीर राग अलापते नजर आए थे। इससे पहले दो सालों तक तुर्की ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी। 13 फरवरी को इस्लामाबाद में एर्दोगन ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के मुताबिक और कश्मीर के लोगों की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए हल किया जाना चाहिए।”

भारत ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम भारत के आंतरिक मामलों पर ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने दिल्ली में तुर्की के राजदूत के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर इस तरह के अनुचित बयान अस्वीकार्य हैं। जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। किसी दूसरे देश को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।”

जायसवाल ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने के बजाय एर्दोगन को भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने की पाकिस्तान की नीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए था। उन्होंने कहा, “हमारा देश हमेशा की तरह आज भी हमारे कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।” जायसवाल ने कहा, “किसी दूसरे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने के बजाय यह उचित होता कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की नीति पर सवाल उठाया जाना चाहिए, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।”

वहीं पाकिस्तान की संसद द्वारा इस सप्ताह कश्मीर को लेकर एक प्रस्ताव पारित करने के बारे में पूछे जाने पर रणधीर जायसवाल ने कहा: “जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, हमेशा से रहा है और रहेगा। इस बारे में कोई शक या भ्रम नहीं होना चाहिए।”

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